Protests Erupt in Siwan Over Waqf Amendment Bill Introduction by Central Government संसद में विधेयक पेश होने के बाद मुस्लिम संगठनों व नेताओं में नाराजगी, Siwan Hindi News - Hindustan
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संसद में विधेयक पेश होने के बाद मुस्लिम संगठनों व नेताओं में नाराजगी

सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता।संसद में विधेयक पेश होने के बाद मुस्लिम संगठनों व नेताओं में नाराजगीसंसद में विधेयक पेश होने के बाद मुस्लिम संगठनों व नेताओं में नाराजगीसंसद में विधेयक पेश होने के बाद...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीवानFri, 4 April 2025 03:23 PM
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संसद में विधेयक पेश होने के बाद मुस्लिम संगठनों व नेताओं में नाराजगी

सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता। केन्द्र सरकार द्वारा संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने के साथ ही शहर समेत पूरे जिले में इसका विरोध शुरू हो गया है। वक्फ संशोधन विधेयक के पेश होने के बाद जिले के मुस्लिम संगठनों व नेताओं में नाराजगी से लेकर उदासी तक है। मुस्लिम धर्मावलंबियों का कहना है कि वक्फ बिल लाकर मस्जिद, मदरसा, खानकाहे, दर्शगाहे, कब्रिस्तान व ईदगाहों के आने वाले कल पर सवालिया निशान खड़ा किया जा रहा है। इसलिए वक्फ बिल का विरोध करते हुए इसे वापस लेने का मांग करते हैं। मौलाना व उलेमाओं का कहना है कि देश का संविधान मुसलमान को मजहबी आजादी के साथ जीने का हक देता है, बावजूद इस मुल्क में मुसलमानों को कई तरह से परेशान किया जाता रहा है। इधर, संसद में वक्फ बिल पेश किए जाने के बाद जिले में किसी तरह की गतिविधि होने या विरोध-प्रदर्शन पर नियंत्रण के लिए प्रशासनिक स्तर पर हर पहलू पर नजर रखी जा रही है। विशेषकर शहर से लेकर ग्रामीण इलाके तक में मुस्लिम बाहुल्य इलाकों पर नजर रखी जा रही है। हालांकि बिल पेश होने के बाद धरातल पर चारों तरफ शांति बनी रही, लेकिन दूसरे दिन गुरुवार को माले व उसके सहयोगी दलों ने इस बिल का विरोध करते हुए सड़क से लेकर संसद तक बिल पारित होने की स्थिति में आंदोलन करने की चेतावनी दी। जिले में 126 वक्फ बोर्ड निबंधित जिले में बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के तहत कुल 126 वक्फ बोर्ड निबंधित हैं। इनके पास वर्तमान में करीब पांच सौ बिगहा जमीन उपलब्ध है। इसकी पूरी सूची व डाटा जिला औकाफ कमिटी के पास उपलब्ध है। हालांकि, अभी तक जिले में वक्फ बोर्ड ने किसी भी खास भवन या जगह को लेकर अपना दावा प्रस्तुत नहीं किया है। जिला औकाफ कमिटी के अध्यक्ष शहनवाज आलम ने बताया कि हर वक्फ बोर्ड की अपनी-अपनी जमीन है। बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड ही जिले के निबंधित वक्फ बोर्ड की जमीन की इंट्री करता है। जिले में पिछले साल करीब सवा बिगहा जमीन रजिर्स्टड की गई है। इसके पूर्व भी वक्फ की जमीन नियमानुसार रजिर्स्टड की गई हैं। उन्होंने बताया कि प्रत्येक प्रखंड को पत्र लिखकर कहा गया है कि रजिर्स्टड जमीन को चिन्हित कर बताएं कि कितने एरिया में उनके यहां वक्फ की जमीन है। जिला औकाफ कमिटी के अध्यक्ष ने बताया कि शहर के लक्ष्मीपुर में वक्फ की एक बिगहा 3 कट्ठा 13 धुर जमीन पर मल्टी पर्पस भवन का निर्माण कराया जा रहा है। भवन में विवाह भवन व मीटिंग हॉल के अलावा कमरे भी बनाए जा रहे हैं, इस वर्ष के आखिरी तक निर्माण कार्य पूरा कर लिया जायेगा। ऐसे मिलती है वक्फ बोर्ड को जमीन जिला स्तरीय वक्फ बोर्ड के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जब अपनी जमीन लाकर बोर्ड को देता है तो उससे जमीन संबंधित कागजात लिए जाते हैं तो उनकी वंशावली तैयार करायी जाती है। इसके बाद बिहार राज्य वक्फ बोर्ड को प्रस्ताव भेजा जाता है। बोर्ड द्वारा जमीन संबंधित दावा को लेकर नोटिस जारी की जाती है। नोटिस का विरोध नहीं होने या विपक्षी का दावा सही साबित नहीं होने पर ही उस जमीन की इंट्री जिले के वक्फ बोर्ड में राज्य स्तर से ही की जाती है।

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