Hindi Newsबिहार न्यूज़सीवानPollution Crisis on the Banks of Saryu River Villagers Struggle with Waste Management

सरयू नदी किनारे बंसे गांवो के किनारे लगा रहता है कचरों का अंबार

गुठनी प्रखंड में सरयू नदी के किनारे बसे 16 गांवों में कचरे का अंबार लगा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि नदी में प्रदूषण का मुख्य कारण नालों का पानी और घरों का कचरा है। प्रशासन ने जागरूकता अभियान और...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीवानFri, 15 Nov 2024 12:30 PM
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गुठनी, एक संवाददाता। प्रखंड में बहने वाली सरयू नदी के किनारे करीब 16 गांव बसे हुए हैं। जहां इन गांव की अधिकतर आबादी नदी से जुड़ी हुई है। वही नदी किनारे इन दिनों कचरों का अंबार देखने को मिल रहा है। इसका मुख्य कारण ग्रामीण इलाकों से भी लोग नदी किनारे जाकर कचरा फेंक रहे हैं। नदी किनारे बसने वाले लोग की दिनचर्या से भी नदी के किनारे और उसके पानी में प्रदूषण फैल रहा है। सरयू नदी और गंडक नदी के किनारे करीब एक दर्जन से अधिक गांव बसे हुए हैं। ग्रामीणों की माने तो नदियों में प्रदूषण का मुख्य कारण ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के नालों का बहाव सीधे नदी में हो जाना है। बीडीओ डॉक्टर संजय कुमार ने बताया कि इसके लिए स्थानीय ग्रामीणों को जागरूक किया जाएगा और स्वच्छता और हरियाली से संबंधित उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। सरयू नदी किनारे बसें हुए हैं ये गांव सरयू नदी किनारे बलुआ, तिरबलुआ, ग्यासपुर, खडौली, पांडेयापार, मैरीटार, योगियाडीह, गुठनी, सोनहुला, सोहगरा घाट, गुठनी पश्चिम गांव बसे हुए हैं। जहां ग्रामीण घरों का कचरा, गंदे पानी, नाले का पानी, शौचालय निर्माण, कपड़ा, बर्तन, पशुओं को मुर्दा फेकेने, से प्रदूषण के साथ नदी किनारे कचरों का अंबार लगा रहता है। नदी किनारे शवो को जला चले जाते है लोग सरयू नदी किनारे ग्यासपुर, मिश्री घाट, टेढिया घाट पर आज भी अंतिम संस्कार किया जाता है। जहां शव को जलाने के बाद लोग छोड़कर चले जाते है। जिससे नदी किनारे बसे लोगो को काफी असुविधा होती है। वही उनको दुर्गन्ध से जीना हराम हो जाता है। ग्रामीण इलाकों से कचरा जमा होने से बढ़ी मुश्किलें सरयू नदी किनारे लोग दैनिक जीवन से जुड़ी चीजों को ले जाकर फेंक देते हैं। जिससे नदी किनारे खुसरो का अंबार लग जाता है। वहीं स्थानीय प्रशासन के साथ मुखिया और जनप्रतिनिधि इस चीज को इग्नोर करते रहते हैं। जबकि स्थानीय ग्रामीण इसकी कई बार शिकायत कर चुके हैं। लोगों की माने तो पूजा सामग्री दैनिक वस्तुएं कचरा नदी किनारे लाकर फेंका जाता है। क्या कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी उमाशंकर ने कहा की नाले के बहते हुए पानी का प्रबंध जल्द किया जाएगा। ताकि नदी में नाले का पानी ना जा सकें।

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