बारिश के पानी से बर्बाद हो गयी मक्के की फसल

पेज चार पर बॉटम नुकसान जिस खेत में पानी कम लगा था, उस खेत के पौधे में प्रगति तो कुछ हुई है, लेकिन पौधे में भुट्टा छोटा और कम दाने का लग रहा है मक्के की फसल पूरी तरह से पीली पड़ गई है अरहर की फसल का...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीवानMon, 10 Aug 2020 07:24 PM
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रघुनाथपुर प्रखंड में बांगर से लेकर दियारे तक की खेतों में बोई गईं मक्के और अरहर की फसल बारिश के पानी से बर्बाद हो हो चुकी हैं। जहां दियारे में बांध तक बाढ़ पानी भर आने से हजारों एकड़ क्षेत्र में खड़ी मक्के की फसल पूरी तरह से डूब गईं है। जबकि बांगर क्षेत्र में बारिश के पानी से मक्के और अरहर की फसल बर्बाद हो गयी है। खेतों में अरहर की फसल का तो नामोनिशान तक नहीं दिख रहा। वहीं मक्के की फसल पिछले महीने लगातार हुई बारिश से इस कदर बर्बाद हुई है कि किसान अब इसे पशुओं के चारे में उपयोग कर रहे हैं। खेतों में कई दिनों तक पानी भरा होने के कारण मक्के की फसल पूरी तरह से पीली पड़ गई। अब खाद देने के बावजूद इसमें प्रगति नहीं दिख रही। पौधा देखने से ऐसा लग रहा है कि अभी कुछ दिन पहले ही बुआई की गई है। जिस खेत में पानी कम लगा था, उस खेत के पौधे में प्रगति तो कुछ हुई है, लेकिन पौधा में भुट्टा छोटा और कम दाने का लग रहा है। इसे लेकर किसान परेशान हैं।

अरहर वाली खेत पड़ी बिल्कुल खाली

अरहर की फसल गलकर सूखने के बाद इसकी खेत अब खाली (परती) पड़ गए हैं। किसानों के पास इसमें दूसरी फसल लगाने का कोई विकल्प भी नहीं है। कुछ किसान अरहर की फसल के साथ मक्के की बुआई भी किये हैं। लेकिन खेत में चारों तरफ केवल खर-पतवार ही दिख रहे हैं। मक्के की फसल खर-पतवार के बीच दब गईं है। अब इस खेत में किसान आलू या फिर रबी सीजन का ही कोई फसल ही लगा सकते हैं। किसानों का कहना है कि इस साल न तो भुट्टा भी नहीं मिल पाएगा। अरहर की फसल पिछले साल भी नहीं हुई थी।

20 हजार हेक्टेयर में लगी थी फसल

जिले में बीस हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मक्के की फसल किसानों ने लगाई थी। इसमें करीब सवा हेक्टेयर क्षेत्र में रघुनाथपुर प्रखंड के किसानों ने मक्के की फसल लगाई थी। मक्के की फसल बर्बाद होने के बाद किसानों को अब सरकार से मुआवजे की दरकार है। बहुतेरे क्षेत्र में धान कि फसल भी बारिश और बाढ़ के पानी में डूब गईं है। किसान फसल सहायता के लिए फॉर्म भरने में जुट गए हैं। इधर पूर्व मंत्री और आरजेडी के प्रदेश उपाध्यक्ष विक्रम कुंवर ने सरकार से किसानों को फसल क्षतिपूर्ति का लाभ देने की मांग की है।

जलजमाव से हजारों एकड़ फसल नष्ट

दरौली। लगातार हो रही वर्षा के कारण दरौली प्रखंड के कृष्णपाली, दरौली, तियरा, सरना, हरनाटार, बलहुं पंचायत के दर्जनों गांव में जलजमाव से हजारों एकड़ फसल नष्ट हो गई है। सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र पांडेय ने कहा कि जलजमाव से फसल बर्बाद हो गयी है। दरौली गोपालपुर बांध में स्लुईस गेट लगाने के लिए 2008 से 2020 जून माह तक प्रशासन, विधायक, सांसद व मुख्यमंत्री को कई बार आवेदन दिया गया। बावजूद किसी ने ध्यान नहीं दिया।

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