LMT High School A Historic Institution Struggles with Declining Enrollment and Infrastructure आईएएस से लेकर प्राध्यापक तक देने वाले हाईस्कूल में भवन व शिक्षकों की कमी , Siwan Hindi News - Hindustan
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आईएएस से लेकर प्राध्यापक तक देने वाले हाईस्कूल में भवन व शिक्षकों की कमी

गुठनी में एलएमटी हाईस्कूल की स्थापना 1950 में हुई थी। पहले यहां 2000 छात्र थे, अब मात्र 1365 हैं। स्कूल जर्जर अवस्था में है, संसाधनों की कमी और शिक्षकों की कमी से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। खेल मैदान...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीवानFri, 4 April 2025 03:27 PM
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आईएएस से लेकर प्राध्यापक तक देने वाले हाईस्कूल में भवन व शिक्षकों की कमी

गुठनी, एक संवाददाता। प्रखंड में स्थापित सबसे पुराने हाईस्कूलों में से एक एलएमटी हाईस्कूल का काफी गौरवशाली और पुराना इतिहास रहा है। आजादी के ठीक तीन साल के अंदर ही 14 जनवरी 1950 को इस हाईस्कूल की स्थापना हुई। कभी दो हजार छात्र छात्राओं की यहां संख्या होती थी। वर्तमान में 1365 छात्र-छात्राओं का नामांकन है। पहले एलएमटी हाईस्कूल से पढ़ाई करनेवाले छात्र छात्राओं को खुद पर फक्र होता था। यहां से पढ़े चुके हर बैच के छात्र देश-दुनिया में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। अब हर पंचायत में हाईस्कूलों की स्थापना किये जाने से यहां बच्चों की संख्या भी घट गई है। शिक्षकों, कमरों, संसाधनों की कमी से पढ़ाई सुचारू रूप से नहीं हो पा रही है। स्कूल का भवन जर्जर और खस्ता हालत में है, लेकिन, शौचालय और पेयजल की आवश्यकता महसूस की जा रही है। जर्जर भवन और शौचालय को मरम्मत की है दरकार एलएमटी हाईस्कूल के जर्जर भवन को मरम्मत की जरूरत है। इसकी सूचना विभाग को कई बार लिखित रूप से दे दी गई है। बावजूद आज तक विभागीय उदासीनता से इसकी सुधि नहीं ली जा रही है। स्कूल में कंप्यूटर लैब व स्मार्ट क्लासेस की सुविधा है, पुस्तकालय भी है। लेकिन, उसका समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। लगभग डेढ़ एकड़ में विद्यालय का खेल मैदान है। लेकिन, अनियमितता और अधूरे निर्माण कार्य से इसे डेढ़ दशक बाद भी काम में नहीं लाया गया है। स्टेडियम के दक्षिण दिशा में स्कूल की जमीन अनुपयोगी है। विद्यालय प्रशासन इसे उपयोग लाना चाहता है, लेकिन अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पा रहा है। स्कूल भवन के बगल में ही सड़क किनारे खाली पड़ी हुई जमीन की घेराबंदी अब तक नहीं हुई है। जबकि इसके बगल में प्रखण्ड मुख्यालय और आईबी भवन भी है। खेल मैदान का बच्चे नहीं कर पाते उपयोग एलएमटी हाईस्कूल का अधूरा खेल मैदान अपने बदहाली पर आंसू बहा रहा है। इसके अधूरे चहारदीवारी के अंदर विद्यालय का अपना खेल मैदान है। वावजूद छात्र और स्थानीय खिलाड़ी इसका उपयोग नहीं कर पाते हैं। मैदान की घेराबंदी होने से इसमें आवारा पशु नहीं घुस पाते हैं। अभी भी खो-खो, कबड्डी,क्रिकेट व फुटबॉल आदि खेल आयोजित होते रहते हैं। अब गेम टीचर होने के बाद भी खेल गतिविधियां कम ही दिखाई पड़ती है। कभी यह विद्यालय जिला स्तर पर फुटबॉल के लिए प्रसिद्ध था। लेकिन अब यहां फुटबॉल और क्रिकेट की टीम भी नहीं है। अब इस प्रकार की खेल आयोजित भी नहीं किए जाते हैं। यह भी नहीं कि इस मैदान में खिलाड़ी नहीं दिखते, लेकिन बाहरी खिलाड़ी नजर आते हैं। कई बेहतर शिक्षकों से सुशोभित रहा है विद्यालय एलएमटी हाईस्कूल के स्थापना के बाद यहां कई प्रधानाध्यापक और शिक्षकों से अपने विद्वता से सुशोभित किया। जिसमें भोला राय, सुरेश तिवारी, युगल किशोर पांडेय के साथ शिक्षक में ब्रज कुमार सिंह, बलराम तिवारी, महेश्वर प्रसाद, समेत अन्य शिक्षकों का नाम आज भी सम्मान के साथ लिया जाता है। हाईस्कूल में 25 शिक्षकों की गई है प्रतिनियुक्ति लोकमान्य तिलक हाई स्कूल में शिक्षकों की अभी भी कमी है। जिसका असर यहां पढ़ने वाले छात्रों पर भी देखने को मिलता है। प्राचार्य कृष्णा कुमार ने बताया कि साइंस इंटर के फिजिक्स, मैथ, संस्कृत, पॉलिटिकल साइंस समेत कई विषयों के शिक्षक आज भी प्रतिनियुक्त नहीं किए गए हैं। जबकि कमरों का यहां घोर अभाव है। इसके चलते विद्यालय को दो पालियों में चलाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि शौचालय और पेयजल की भी कमी है। इसकी कई बार लिखित सूचना जिला मुख्यालय के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर भी दिया गया। उन्होंने कहा कि खेल मैदान निर्माण को भी जल्द से पूरा करना चाहिए जिससे छात्र-छात्राओं को खेल में भी रुचि मिलसके। आईएएस और डिग्री कॉलेज के प्राचार्य तक हैं स्कूल के छात्र एलएमटी हाईस्कूल से पढ़नेवाले आज कई बड़े-बड़े ओहदे पर हैं। इनमें कानपुर स्थित हलीम पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. तनवीर अहमद, आईएएस अधिकारी कपिध्वज प्रताप सिंह, डॉ राहुल मिश्रा, पूर्व विधायक रामायण मांझी, समेत कई छात्र इसी हाईस्कूल से पढ़ाई किये हैं।

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