डिग्री कालेज नहीं होने से छात्राओं को बीए करने जाना पड़ता है सीवान
बड़हरिया में सरकार बच्चों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम चला रही है, लेकिन प्रखंड में डिग्री कॉलेजों की कमी के कारण युवा और युवतियां उच्च शिक्षा से वंचित हैं। गरीब छात्रों को पढ़ाई...
बड़हरिया, एक संवाददाता। शिक्षा के क्षेत्र में सरकार पूरे प्रदेश में अनेकों कार्यक्रम चलाकर बच्चों के शिक्षा में बढ़ावा दे रही है बच्चों के पठन पाठन के कई संसाधन उपलब्ध करा कर बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दी जा रही है।विधान सभा मुख्यालय और नगर पंचायत मुख्यालय होने के बावजूद भी आज भी प्रखंड के युवा और युवतियां डिग्री की पढ़ाई से वंचित हैं। प्रखंड में नहीं तो कोई डिग्री कालेज ही है नहीं कोई बड़ा औद्योगिक केंद्र भी। यह सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने से कई युवा युवतियां को डिग्री की शिक्षा लेने से पहले दम तोड़ देती है तो कुछ युवा डिग्री की पढ़ाई के लिए पलायन करते हैं। घर के स्थिति ठीक ठाक वाले बच्चे डिग्री और टेक्निकल की पढ़ाई के लिए किसी अन्य राज्य में जाकर अपनी पढ़ाई पूरी करते है वही गरीब और संसाधन विहीन युवा डिग्री और टेक्निकल की पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं। बता दें कि प्रखंड में 30 उच्च और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय है। इसमें प्रत्येक वर्ष लगभग पंद्रह हजार बच्चे पल्स टू पास कर उच्च शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों में जाते है। बहुत युवा बड़ी कठिनाई से डिग्री की पढ़ाई करते हैं तो पैसे के अभाव में बहुत छात्र पढ़ाई छोड़कर अपने ट्रैक को बदल देते है जिससे बच्चों का भविष्य अंधकार में चला जाता है। प्रो रामावतार यादव, ई आलोक कुमार, प्रो अभय कुमार, प्रो राजेंद्र रावत, प्रो तारीक सुझा, प्रो अन्नी कुमारी, प्रो सहित अन्य शिक्षकों का कहना है कि प्रखंड में जेपी विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त एक डिग्री कालेज पहले हुआ करता था। छात्र - छात्राओं का कहना है इंटर का छात्रा रानी कुमारी, निक्की कुमारी, रिया कुमारी, सलोनी कुमारी, संदीप कुमार, अनवारूल हक सहित सैकड़ों छात्रों ने बताया को डिग्री कालेज नहीं होने से मुजफ्फरपुर, यूपी, मगध विश्वविद्यालय सहित दूसरे राज्य में जाकर पढ़ाई करने से पैसे की लगात अधिक है। रहने खाने पीने और भाड़े पर आवास लेकर रहने में अधिक पैसा का व्यय होता है। अगर प्रखंड मुख्यालय में डिग्री कालेज होता तो आसानी से शिक्षा मिल जाती।अभिभावक संतोष पंडित, पूर्व मुखिया सुनील चंद्रवंशी का कहना है को डिग्री कालेज को नहीं रहने से जो गरीब बच्चे है वह उच्च शिक्षा को ग्रहण नहीं कर पाते है। इ आलोक कुमार ने बताया कि जो कालेज प्रस्तावित है उनको अनुमति दे ताकि बच्चे डिग्री की शिक्षा को हासिल कर सके।
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