Hindi Newsबिहार न्यूज़सीवानKisan Training Program Under Rabi Mahabhiyan Conducted in Raghunathpur

रबी महाअभियान में किसानों को बताया गया खेती के तौर-तरीका

रघुनाथपुर में रबी महाअभियान के तहत किसान प्रशिक्षण सह कर्मशाला कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कृषि समन्वयकों ने किसानों को उन्नत खेती के तरीकों के बारे में जानकारी दी। पिछले वर्ष जिले में रबी फसलों की...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीवानFri, 15 Nov 2024 01:16 PM
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रघुनाथपुर, एक संवाददाता। रबी महाअभियान के तहत प्रखंड मुख्यालय स्थित ई-किसान भवन में किसान प्रशिक्षण सह कर्म शाला कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रबी महाभियान को सफल बनाने के लिए जिला स्तरीय रबी कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन दो दिन पहले ही हुआ था। इसी कड़ी में प्रखंड स्थित ई-किसान भवन में प्रखंडस्तरीय रबी कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रबी महाअभियान के तहत रबी की विभिन्न फसलों की खेती के बारे में किसानों को जानकारी दी गई। कृषि समन्वयकों द्वारा उन्नत और आधुनिक तरीके से खेती करने के गुर भी किसानों को बताए गए। इसके पहले रबी महाअभियान कार्यक्रम का उद्घाटन प्रखंड के किसान नेता प्रगतिशील किसान और निखती कला के सरपंच रत्नेश्वर सिंह, बीएओ ललन प्रसाद और बीटीएम सतीश कुमार, बीटीएम ने कहा कि जिले में एक लाख 34 हजार 801.16 हेक्टेयर में रबी फसलों की खेती पिछले वर्ष हुई थी। 2023-24 के तहत रबी फसलों की खेती की स्थानीय स्तर पर विभाग ने तैयारी कर ली है। जिला कृषि कार्यालय ने रबी फसलों की खेती को लेकर एक संभावित लक्ष्य तैयार कर लिया है। 2024-25 में जिले में भी 1 लाख 34 हजार 801.16 हेक्टेयर में रबी फसलों की खेती हो सकती है। एक लाख 11 हजार 988.28 हेक्टेयर में सबसे अधिक गेहूं की खेती का लक्ष्य रखा गया है। दलहन प्रोत्साहन योजना के तहत मसूर, चना और मटर जबकि तेलहन प्रोत्साहन योजना के तहत सरसों, राई एवं तीसी की खेती का लक्ष्य कृषि विभाग ने तय कर दिया है। रघुनाथपुर में करीब साढ़े 5 हजार हेक्टेयर से अधिक में गेहूं की बुआई होगी। कृषि समन्वयक मुन्ना कुमार ने यांत्रिकरण के बारे में किसानों को विस्तार से जानकारी दी। ऑनलाइन पोर्टल के खुलने और आवेदन करने के बारे में भी किसानों को कृषि समन्वयक ने जानकारी दी। किसानों को खेती के तौर-तरीके भी बताए गए। गेहूं बीज नहीं मिलने की किसानों की शिकायत प्रखंड के बहुतेरे किसान बटाई का खेत मिलाकर 3 से 4 एकड़ में गेहूं की बुआई करते हैं। किसानों का यह भी कहना है कि 3 से 4 बोरी बीज की उन्हें जरूरत है। लेकिन, किसी एक किसान के नाम 80 किलोग्राम यानि 2 बोरी ही बीज मिल रहा है। बीज वितरण की व्यवस्था दुरुस्त नहीं रहने से कई किसान नाराज भी दिखें। किसानों ने कहा कि पिछले दो-तीन साल से ही बीज के लिए यहां आपाधापी हो रहा है। इसके पहले ऐसी नौबत नहीं हो रही थी। कृषि विभाग डिमांड के अनुसार बीज उपलब्ध करावें। साथ ही पंचायत के अनुसार अलग-अलग काउंटर लगाकर बीज वितरण की व्यवस्था हो, तब ऐसी नौबत नहीं आएगी। बहुत सारे किसानों को गेहूं बीज नहीं मिलने पर अपनी बात कर्मशाला में रखी। कार्यक्रम में शामिल अधिकारियों ने जिला तक यह बात पहुंचाने की बात कही। कार्यक्रम में समन्वयक राजेश कुमार परमानंद गोंड, किसान सलाहकार धर्मात्मा मिश्र, नवीन पांडेय, ओमप्रकाश चौरसिया व ऑपरेटर चंदन पांडेय आदि थे।

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