इमरजेंसी वार्ड में ड्रेसर, ईसीजी टेक्नीशियन व वार्ड ब्वाय नहीं, मरीज हलकान
जिले में स्वास्थ्य विभाग बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन कई खामियां हैं। मॉडल अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड बिना ड्रेसर और वार्ड ब्वाय के चल रहा है। स्टॉफ नर्स और चिकित्सकों की कमी से...

मसीवान, निज प्रतिनिधि। जिले के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। इस दिशा में कुछ आवश्यक कार्य भी किए जा रहे हैं और इसका बेहतर परिणाम भी सामने आ रहे हैं। लेकिन कई ऐसी खामियां अब भी मौजूद हैं। इसकारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हैरानी की बात यह है कि मॉडल अस्पताल के इरमजेंसी वार्ड का संचालन बिना ड्रेसर, वार्ड ब्वाय और ईसीजी टेक्नीशियन के ही किया जा रहा है। डॉक्टर सहित अन्य कर्मियों की हालात भी कुछ ऐसी ही है। एक शिफ्ट में दो चतुर्थ वर्गीय कर्मी, तीन स्टॉफ नर्स व एक आयुष व एमबीबीएस सहित कुल दो चिकित्सक जबकि सुबह 9 से शाम के 5 बजे तक एक इमरजेंसी इंचार्ज की ड्यूटी होती है। इनके ही भरोसे इमरजेंसी वार्ड का संचालन किया जा रहा है। सभी कार्यों का संपादन भी किया जाता है। कई बार हालात संभलने के बजाय बिगड़ने की स्थिति पैदा हो जाती है। तिमारदार अपनी नाराजगी कर्मियों पर ही व्यक्त करते दिखते हैं। इमरजेंसी वार्ड में कम्प्यूटर पर इन्हीं कर्मियों को डाटा भी इंट्री करनी होती है। प्रत्येक तीन बेड पर एक स्टॉफ नर्स जरूरी बताया जाता है कि आने वाले मरीजों के लिए मॉडल अस्पतपाल के इमरजेंसी वार्ड में कुल 18 बेड लगाए गए हैं। प्रत्येक तीन बेड पर एक स्टॉफ नर्स का होना जरूरी है। लेकिन, स्टॉफ नर्स की कमी के कारण तीन ही कर्मी सभी बेडों पर कार्यों का संपादन करती हैं। मरीजों के इधर-उधर शिफ्ट करने के लिए वार्ड ब्वाय होना चाहिए। वहीं, ड्रेसिंग के लिए एक ड्रेसर भी अनिवार्य है। लेकिन कर्मियों के नहीं होने पर भी किसी तरह कार्य किया जा रहा है। 36 करोड़ से भी अधिक की लागत से बनाया गया है मॉडल अस्पताल बताया गया कि 36 करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत से निर्मित मॉडल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में फिलहाल अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त कुल 18 बेड लगाए गए हैं। जहां, मरीज इलाज पाकर स्वस्थ हो रहे हैं। मॉडल अस्पताल में आग से बचाव, सेंट्रलाइज एसी, ऑक्सीजन सहित कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं। इन सुविधाओं में मरीजों के साथ आए तिमारदारों के बैठने के लिए एक वेटिंग हॉल भी बनाया गया है। इनमें लगायी गयी कुर्सियां तिमारदारों के लिए काफी राहत दे रही हैं। क्या कहते हैं अस्पताल अधीक्षक सदर अस्पताल अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि स्वीकृत पदों के हिसाब से पदाधिकारियों व कर्मियों की कमी है। इसकी जानकारी वरीय पदाधिकारियों को भी इसकी जानकारी है। उपलब्ध कर्मियों व संसाधनों के आधार पर अस्पताल का संचालन किया जा रहा है।
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