विश्व शांति के लिए अखंड योग में शामिल हुए श्रद्धालु
सिसवन के चैनपुर में रविवार को विश्व शांति के लिए अखंड योग का आयोजन हुआ। राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सुधा बहन ने ब्रह्मा बाबा के योगदान के बारे में बताया। उन्होंने 1937 में ओम मंडली की स्थापना की और 1987...
सिसवन, एक संवाददाता। प्रखंड के ब्रह्मा ईश्वरीय विश्वविद्यालय के शाखा चैनपुर में रविवार को विश्व शांति के लिए अखंड योग किया गया। राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सुधा बहन ने चैनपुर बाजार में रविवार को कहा कि प्रजापिता ईश्वरीय विश्वविद्यालय की स्थापना करने वाले ब्रह्मा बाबा नवयुग के अद्भुत शिल्पी थे। दैवी संस्कृति के पुर्नस्थापना के लिए उन्होंने वर्ष 1937 में ओम मंडली नामक संस्था बनाकर अपनी सम्पूर्ण अर्जित सम्पत्ति को समर्पित कर दिया। यह संस्था पांच मई 1950 को माउंट आबू राजस्थान में स्थानांतरित हुई। विश्व शांति सद्भावना व मानवीय मूल्यों की दिशा में उल्लेखनीय योगदान के लिए सयुक्त राष्ट्र संघ ने इस संस्था को 1987 में अंतराष्ट्रीय शांति दूत के पुरस्कार से सम्मानित किया था। उन्होंने बताया कि ब्रह्मा बाबा ने 18 जनवरी 1969 को अपनी देह का परित्याग करके संपूर्णता की स्थिति को प्राप्त किया था। उन्ही की पुण्य स्मृति में विश्व भर में इस संस्था की ओर से 18 जनवरी को अव्यक्त दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी की तैयारी के सिलसिले में रविवार को चैनपुर सेवा केंद्र पर बैठक की गई। रिंकी बहन ने बाबा के जीवन परिचय को बड़े ही सरल ढंग से काव्य द्वारा 'भोलेनाथ इस धरा पर हुए दयाल, शिव के रथी तूने इस जग में कर दिया कमाल' गाकर बताया। इस दौरान मौन में रहकर विश्व शांति के लिए सशक्त वातावरण बनाने का आह्वान किया। मौके पर जयप्रकाश भाई, रमेश मिश्रा, संतोष सोनी, रेणु माता, अनिल भाई, भानु कुमार सोनी सहित अन्य उपस्थित रहे।
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