नहर की नहीं हुई सफाई, उपजा जंगल
बड़हरिया के किसानों को सहायक नहर में पानी नहीं आने से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 1975 में निर्माण के बाद से नहर में पानी नहीं है, जिससे वे निजी पंप से सिंचाई करने को मजबूर हैं। महंगी खाद...

बड़हरिया, एक संवाददाता। सहायक नहर सफाई के अभाव में बदहाल है। सिंचाई के उद्देश्य से सहायक नहर का निर्माण 1975 में किया गया था। निर्माण काल से कुछ वर्षों तक नहर में पानी आया था। लेकिन लगभग तीन वर्षों से नहर में पानी नहीं। आया है। जिससे किसान सिंचाई के लिए परेशान हैं। रबी फसल हो या खरीफ फसल से लेकर सब्जी की खेती किसान भारी मात्रा में करते रहे हैं । खेती के क्षेत्र में सवाना के सीमावर्ती गांवों में लगभग सभी गांव हब लेकिन नहर का साफ सफाई नहीं होने और पानी नहीं आने से किसान निजी पंप से खेती करने में मजबूर हैं।
किसान मुखियापति पप्पू बैठा, आनंद कुमार, दिलीप बैठा, पवन सिंह, मंडल अध्यक्ष जेपी गौतम, अर्जुन प्रसाद, नन्द किशोर प्रसाद, रामजीत भगत, रामकिशोर प्रसाद, बीसीसी पति मुन्ना सिंह, महेंद्र प्रसाद, वार्ड सदस्यपति धर्मेंद्र बारी, धर्मेंद्र शर्मा, मोखेंद्रा शर्मा, मेराज अहमद, असरार अहमद सहित अन्य किसानों का कहना है कि महंगी खाद बीज से फसल सहित सब्जी की खेती करनी पड़ती है इसके बावजूद सिंचाई के पानी नहीं मिलने से निजी पंप से सिंचाई करने से खेती और महंगी हो जाती है जिससे काफी अधिक नुकसान होता है। हालांकि ज्ञानी मोड़ से होकर सुंदरी बाजार से होकर प्राणपुर होकर जाने वाली नहर में पानी रहता भी है लेकिन ज्ञानी मोड़ से जाने वाली नहर में पानी रहने के बाद में सवाना गांव से होकर चवर में जाने वाली सड़क बदहाल है। इसकी देखरेख करने के लिए विभाग भी मौन है। जिससे किसानों में नाराजगी है। वही भाजपा मंडल अध्यक्ष अधिवक्ता जय प्रकाश गौतम का कहना है कि नहर में अगर पानी नहीं आता है तो विभाग उसके जगह पर सड़क का निर्माण अगर कर देती है तो आने जाने में सहूलिया हो जाता।
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