रघुनाथपुर में कृषि फीडर चालू नहीं, डीजल पंपसेट से हो रही सिंचाई
रघुनाथपुर में सात साल पहले शुरू हुआ कृषि फीडर परियोजना किसानों के लिए उम्मीद लेकर आया था, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं दिखा है। सिंचाई की समस्या जस की तस बनी हुई है, और किसान अब भी डीजल पंपसेट से...
रघुनाथपुर, एक संवाददाता। सात साल पहले जब यहां पर कृषि फीडर बनाने का काम शुरू हुआ तो इलाके के किसानों को यह यकीन हो गया कि जल्द ही उनके दिन बहुरेंगे। खेती करना घाटे का सौदा साबित नहीं होगा। सिंचाई पर सबसे ज्यादा खर्च होने की समस्या से जल्द छुटकारा मिल जाएगा। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं। किसानों की समस्या यह आज भी जस का तस बरकरार है। केन्द्रीय कृषि व ऊर्जा मंत्रालय ने दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत रघुनाथपुर में जुलाई 2017 में ही कृषि फीडर का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। लेकिन, 7 साल बाद भी न ढंग से कहीं पोल-तार दिख रहे हैं और न ट्रांसफार्मर ही। वैसे तो यह योजना पूरे जिले भर में शुरू हुई थी। इस योजना में जिले के सभी प्रखंडों और लगभग सभी गांवों को शामिल किया गया है। लेकिन, कुछेक जगहों को छोड़कर कहीं यह योजना धरातल पर कारगर साबित नहीं हुई है। खासकर रघुनाथपुर प्रखंड में तो यह योजना किसानों के लिए फिसड्डी ही साबित हो रही है। कई गांवों में न तार-पोल लगाया गया है और न ट्रांसफार्मर ही लगे हैं। किसान बिजली कनेक्शन लेकर पछता रहे हैं। मौजूदा समय में बिजली और नहर ही सस्ती सिंचाई में कारगर साबित हो सकती है। लेकिन, नहरों भी पानी आने से किसानों को अपनी फसल की सिंचाई डीजल पंपसेट से करनी पड़ रही है। इन गांवों में कृषि फीडर से जुड़े कराए गए हैं काम प्रखंड के बंगरा, लगुसा, दुदहा, दयाछपरा, लौकीपुर, बसंतपुर, फुलवरिया, निखती खुर्द, निखती कला, मुरारपट्टी, विशुनपुरा, बेलवार, नवादा, मिर्जापुर, आदमपुर, हरपुर, लच्छीपुर, खुजवां व रघुनाथपुर आदि गांवों में कृषि फीडर से जुड़े काम कराए गए हैं। लेकिन, निखती खुर्द, निखती कला और बेलवार आदि गांव में काम अधूरा ही है। यहीं नहीं कई जगह पर 11 हजार के हाई टेंशन और बोरिंग तक सप्लाई देने वाले लो टेंशन तार चोरों का गिरोह काट लिया है। सड़क किनारे व खेतों में लगे ट्रांसफार्मर क्वायल भी निकाल लिए गए हैं। नया टेंडर होने के बावजूद काम शुरू नहीं जिले में कृषि फीडर को चालू करने के लिए दो कंपनियों को विद्युतीकरण के अधूरे कार्यों को पूरा करने और किसानों को कनेक्शन देने के लिए टेंडर मिला हुआ है। लेकिन, अब तक काम शुरू नहीं होने से किसान गेहूं की बुआई से पूर्व खेत का पटवन करने में डीजल पंपसेट का प्रयोग कर रहे हैं। पटवन को लेकर परेशान किसानों की कोई सुनने वाला भी नहीं है। कंपनी के मुलाजिम इस मामले में इधर-उधर बतिया रहे हैं।
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