Hindi Newsबिहार न्यूज़सीवानFailure in the procurement of wheat in the district led to poor system

जिले में गेहूं की खरीद में विलंब की वजह बना लचर व्यवस्था

पेज पांच की लीड उदासीनता जबतक मिलर पैक्स व व्यापार मंडल के गोदामों से धान का पूरा उठाव नहीं कर लेते, तबतक गेहूं की खरीद कर पाना संभव नहीं है अधिकतर पैक्स गोदामों से नहीं हो सका है धान का उठाव...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीवानThu, 29 April 2021 06:50 PM
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पेज पांच की लीड

उदासीनता

जबतक मिलर पैक्स व व्यापार मंडल के गोदामों से धान का पूरा उठाव नहीं कर लेते, तबतक गेहूं की खरीद कर पाना संभव नहीं है

अधिकतर पैक्स गोदामों से नहीं हो सका है धान का उठाव

मिलरों का दर्द, एसएफसी चावल लेने में बरत रहा है सुस्ती

05 लाख 33 हजार 250 रुपये प्रत्येक समिति को आवंटित

50 समितियों को पहले लॉट की खरीदारी के लिए राशि मिली

फोटो : 04 दरौली में धान से भरा पड़ा व्यापार मंडल का गोदाम।

दरौली/सीवान। हिन्दुस्तान टीम

जिले में गेहूं की खरीद में हो रहे विलंब से किसानों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। किसानों की इस परेशानी और गेहूं की खरीद में हो रहे विलंब का वजह कहीं न कहीं हमारा लचर सिस्टम है। जिस तरह से धान की खरीदारी में सरकार से लेकर जिला प्रशासन और सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने तत्परता दिखायी, वैसी ही तत्परता की जरूरत गेहूं की खरीदारी में भी है। भले ही किसानों से गेहूं की खरीद के लिए जिले में 50 सहकारी समितियों का चयन कर लिया गया है। लेकिन, पांच को छोड़ अभी किसी ने भी खरीदारी शुरू नहीं की है। जबकि सीवान सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक ने चयनित 50 सहकारी समितियों को पहले लॉट की खरीदारी के लिए राशि स्वीकृत किया है। प्रत्येक समिति को 5 लाख 33 हजार 250 रुपये आवंटित किये गये हैं। अब प्रश्न उठता है कि जब समितियों का चयन हो गया और उन्हें पहले लॉट के लिए राशि भी उपलब्ध करा दी गई तो फिर खरीदारी में विलंब क्यों हो रहा है। इस पर सहकारी समितियों का कहना है कि उनके गोदाम से धान का ही उठाव नहीं हुआ तो गेहूं की खरीदारी करके रखेंगे कहां। जबतक मिलर पैक्स व व्यापार मंडल के गोदामों से धान का पूरा उठाव नहीं कर लेते, तबतक गेहूं की खरीद कर पाना संभव नहीं है। वहीं मिलरों का कहना है कि एसएफसी चावल लेने में सुस्ती दिखा रहा है। मिलों में मौजूद चावल हटेगा, तब ही न गोदामों से अगले लॉट के धान का उठाव किया जा सकेगा। वहीं एसएफसी का कहना है कि अब तक एक हजार लॉट सीएमआर यानि चावल मिलों से लिया जा चुका है। जबकि साढ़े 6 सौ लॉट चावल लिया जाना बाकी है। एसएफसी के गोदाम खाली हैं। मिलर चावल देंगे तब ही न हम लेंगे। चावल लेने से पहले उसकी गुणवत्ता की भी जांच की जा रही है।

चावल बनाने के लिए 22 मिले हैं चयनित

जिले में मात्र 22 मिल ही धान अधिप्राप्ति के बाद चावल बनाने के लिए चयनित हुई हैं। इनमें महाराजगंज, दरौंदा, पचरूखी, हुसैनगंज, बड़हरिया, भगवानपुर हाट व सदर प्रखंड के दो-दो मिल और जीरादेई के तीन मिल का चयन हुआ है। जबकि हसनपुरा, गोरियाकोठी, गुठनी, दरौली व सिसवन प्रखंड के एक-एक मिल का चयन हुआ है। इस साल एक हजार छह सौ पचास लॉट सीएमआर मिलों को एसएफसी को देने हैं। जबकि पिछले साल मात्र 800 लॉट सीएमआर ही देना था। जिले की सहकारी समितियों के अध्यक्षों और प्रबंधकों का कहना है कि मिलर चावल बनाने व एसएफसी को सीएमआर गिराने में पिछड़ गए हैं। यहीं वजह है कि बहुतेरे पैक्स और व्यापार मंडल का ऑडिट नहीं हो सका है। बिना ऑडिट हुए गेहूं की खरीद के लिए उनका चयन संभव नहीं है।

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बयान

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जिले के मिलरों द्वारा धान का उठाव किए बगैर गेहूं की अधिप्राप्ति कर पाना संभव नहीं है। अधिकतर सहकारी समितियों के गोदाम धान से भरे पड़े हैं।

राजकिशोर सिंह, जिलाध्यक्ष पैक्स सह व्यापार मंडल

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एक हजार लॉट सीएमआर मिलरों से लिया जा चुका है। साढ़े 6 सौ सीएमआर लेना बाकी है। सीएमआर लेने में कहीं से कोई कोताही नहीं की जा रही है।

अमरेन्द्र कुमार सिन्हा, जिला प्रबंधक, एसएफसी, सीवान

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