अब किसान रबी फसलों पर कर सकेंगे ड्रोन से कीटनाशक व उर्वरक का छिड़काव
सीवान में पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग ने ड्रोन तकनीक का उपयोग करने का निर्णय लिया है। किसानों को कीटनाशक और तरल उर्वरक का छिड़काव करने के लिए 240 रुपए की अनुदान राशि मिलेगी। ड्रोन...
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सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता। पारंपरिक खेती को और अधिक विस्तार देने व कृषि को समृद्ध बनाते हुए किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए विभागीय स्तर पर लगातार कार्य किए जा रहे हैं। इसी के तहत पारंपरिक खेती के साथ ही आधुनिक तरीके से खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही मोटे अनाज की खेती को विशेष रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है। खेती के बदलते तौर-तरीके के बीच अब ड्रोन के जरिए कीटनाशक व तरल उर्वरक का छिड़काव किया जाना है। बताया जा रहा कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत कृषि विभाग ने सीवान जिले का भी चयन किया है। इसके तहत ड्रोन की मदद से कीटनाशक व तरल उर्वरक का छिड़काव किया जाना है। इसके तहत जिले में 1900 एकड़ में ड्रोन की मदद से दवा व उर्वरक के छिड़काव का लक्ष्य तय किया गया है। जिले के प्रत्येक प्रखंड में 100-100 एकड़ छिड़काव होना है। किसान तेलहन, दलहन, आलू, मक्का, गेहूं व अन्य फसलों पर उर्वरक व कीट प्रबंधन के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर सकते हैं। किसान ड्रोन से कीटनाशकों के साथ एनपीके, नैनो यूरिया, नैनो डीएपी जैसे उर्वरकों का छिड़काव कर सकते हैं। छिड़काव खर्च के लिए किसानों को राज्य सरकार 50 प्रतिशत का अनुदान देगी, शेष 50 प्रतिशत की राशि किसानों को देनी होगी। कृषि जानकारों के अनुसार, साधारण तरीके से प्रति एकड़ छिड़काव में दो से ढाई घंटे का समय लगता है, वहीं, ड्रोन से छिड़काव करने पर सिर्फ छह से सात मिनट में ही छिड़काव का कार्य पूरा हो जाता है। किसानों को मिलेगा 240 रुपए का अनुदान विभागीय स्तर पर मिली जानकारी के अनुसार, ड्रोन से एक एकड़ में छिड़काव करने पर 480 रुपए खर्च आएगा। इस योजना के तहत किसानों को राज्य सरकार एक एकड़ पर 240 रुपये की सब्सिडी देगी। एक किसान अधिकतम 10 एकड़ में ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव कराने के लिए अनुदान का फायदा ले सकते हैं, जबकि ड्रोन से कीटनाशक छिड़कवाने में शेष राशि का भुगतान किसानों को स्वयं करना है। कीट-व्याधियों से मिलेगा किसानों को लाभ खेतों में फसल को बर्बाद होने से बचाव करने के लिए ड्रोन से कीटनाशक व तरल उर्वरक का छिड़काव का छिड़काव करना है। इससे कीट-व्याधियों से परेशान किसानों को लाभ पहुंचेगा। कृषि विभाग ने छिड़काव करने वाली सेवा प्रदाता एजेंसी का चयन कर लिया है। कृषि विभाग के डीपीटी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करने का प्रावधान है। आवेदन के दौरान जमीन का रकबा, फसल के प्रकार, जमीन की रसीद व आधार कार्ड देना होगा। निबंधित एजेंसी कृषि विभाग के कर्मियों की उपस्थिति में ड्रोन से कीटनाशकों के छिड़काव के लिए जिम्मेदार होगी। ड्रोन की खरीदारी पर मिलेगा 3.64 लाख का अनुदान जिले के किसानों को पहली बार राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत ड्रोन खरीदने का मौका मिल रहा है। जिले में दो ड्रोन खरीदने का लक्ष्य है। कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ड्रोन खरीदने के लिए सरकार 60 फीसदी यानी अधिकतम तीन लाख 64 हजार रुपये का का अनुदान देगी। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ड्रोन खरीदने के लिए जिला स्तरीय गठित कमेटी की देखरेख में लॉटरी के आधार पर आवेदकों का चयन किया जाएगा। ड्रोन खरीदने वाले किसानों को पूसा भेजकर उन्हें कीटनाशक का छिड़काव करने की सारी तकनीकी जानकारी दी जायेगी। प्रशिक्षण के बाद प्रमाण पत्र मिलेगा। प्रशिक्षित किसान अपनी फसलों पर दवा का छिड़काव करेंगे। बाजार में ड्रोन की कीमत 6.5-7.5 लाख रुपए के करीब है। ड्रोन खरीदने के लिए किसान, कृषि क्लीनिक के संचालक, कृषि यंत्र बैंक चलाने वाले, एफपीओ, एनजीओ), स्वयं सहायता समूह व लाइसेंसधारी कीटनाशक विक्रेता आदि आवेदन कर सकते हैं। क्या कहते सहायक निदेशक सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण आलेख कुमार शर्मा ने बताया कि इस योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जो कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर निबंधित हैं। ड्रोन से दवा का छिड़काव कराने के इच्छुक किसान कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करते समय जमीन का रकबा, फसल के प्रकार, जमीन का रसीद और आधार कार्ड देना होगा। जबकि गैर रैयत किसानों को स्व-घोषणा पत्र एवं पड़ोस के दो किसानों का गवाह का हस्ताक्षर के साथ आवेदन संलग्न कर जमा कराना होगा। कृषि समन्वयक, पौधा संरक्षण कर्मी, प्रखंड तकनीकी व सहायक प्रबंधक प्राप्त आवेदनों का सत्यापन करेंगे।
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