विश्व पुस्तक मेले में त्रिकोण में फंसी स्त्री, पुस्तक खिंच रही पाठकों का ध्यान
सीवान की प्राध्यापिका डॉ. पूजा तिवारी की पुस्तक 'त्रिकोण में फंसी स्त्री' विश्व पुस्तक मेले में पाठकों का ध्यान खींच रही है। यह पुस्तक बांग्लादेश की लेखिका तस्लीमा नसरीन के विचारों पर आधारित है और...
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सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता। हिन्दी के क्लास में छात्राओं को हिन्दी का पाठ पढ़ाने वाली प्राध्यापिका डॉ. पूजा तिवारी की पुस्तक इन दिनों विश्व पुस्तक मेले में पाठकों का ध्यान अपनी ओर खिंच रही है। पुस्तक मेला में पब्लिकेशन के स्टॉल पर उपलब्ध पुस्तक पाठकों द्वारा खूब सराही जा रही है। शहर के विद्या भवन महिला कॉलेज की हिन्दी विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ. पूजा तिवारी द्वारा लिखित त्रिकोण में फंसी स्त्री, पुस्तक बांग्लादेश की चर्चिता लेखिका तस्लीमा नसरीन व उनके धर्म, पितृसत्ता व राजनीति संबंधित विचारों पर केन्द्रित है। नई दिल्ली में एक से 9 फरवरी तक चलने वाले विश्व पुस्तक मेले में डॉ. पूजा तिवारी की पुस्तक स्त्री विमर्श व स्त्री अस्मिता के प्रश्न को तस्लीमा की दृष्टि से देखने का प्रयास करती है। पुस्तक के फ्लैप पर तस्लीमा नसरीन के करीबी रहे व महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के जनसंचार विभाग के प्रो. कृपाशंकर चौबे लिखते हैं, हिंसक परिस्थितियों के बीच अभिव्यक्ति के खतरे मोल लेने वाली जन्मभूमि से बेदखल तस्लीमा नसरीन तीन दशकों के निर्वासन की समाप्ति का अभी भी इंतजार कर रही हैं। तस्लीमा के बहाने दुनिया में औरतों की सामाजिक और राजनीतिक हैसियत का आंकलन करने के लिए डॉ. पूजा तिवारी द्वारा की गयी यह पुस्तकीय प्रयास समय का महत्वपूर्ण हस्ताक्षर है। पुस्तक की लेखिका व हिन्दी की प्राध्यापिका डॉ. पूजा तिवारी ने बताया कि प्रलेय प्रकाशन द्वारा प्रकाशित उनकी पुस्तक में पिछले तीस वर्षों से अपने देश से निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन के जीवन, व्यक्तित्व, विचार, लेखन के साथ उनके मानवतावादी दृष्टिकोण व निर्वासित लेखिका की पीड़ा को भी रेखांकित किया गया है। इधर, विद्या भवन महिला कॉलेज में हिन्दी विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ. पूजा तिवारी की इस उपलब्धि से कॉलेज परिवार खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। कॉलेज प्रबंधन के अनुसार, सीवान में जल्द ही इस पुस्तक का विमोचन किया जायेगा। इधर, कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सीबी सिंह, पूर्व प्राचार्या डॉ. रीता कुमारी, डॉ. रीता शर्मा डॉ. पूजा कुमारी, डॉ. निधि त्रिपाठी, डॉ. अंशिका सिंह, डॉ. हुमा कमाल, डॉ. सरबत आफरीन, जितेन्द्र कुमार प्रसाद आदि ने बधाई देते हुए इसे कॉलेज के लिए एक बड़ा सम्मान बताया।
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