सदर अस्पताल में ओपीडी सेवा बाधित होने से दिनभर भटकते रहे मरीज
मसीवान में भासा संगठन द्वारा अपनी मांगों को लेकर डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा का बहिष्कार किया। इस हड़ताल के कारण मरीजों को इलाज नहीं मिला और वे मायूस होकर लौट गए। कई जिलों में चिकित्सकों का वेतन अवरुद्ध...

मसीवान, निज प्रतिनिधि। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर भासा संगठन की ओर से गुरुवार को कार्य का बहिष्कार कर दिया। इस कारण ओपीडी सेवा बाधित रही। इलाज के लिए दूर दराज के मरीज सुबह से ही अपने घरों से निकले थे और लाइन में लगकर रजिस्ट्रेशन कराया था। लेकिन बाद में इन्हें पता चला कि आज डॉक्टर हड़ताल पर हैं। डॉक्टर हड़ताल की खबर सुनकर मरीज इलाज के लिए इधर-उधर भटकते नजर आए। हालात यह रहा कि काफी देर तक अस्पताल में बैठने के बाद भी इलाज नहीं मिला। इलाज नहीं मिलने से मरीज मायूस हो गए। कई बिना इलाज के लिए ही वापस घर लौट गए जबकि, कई शहर में संचालित निजी अस्पतालों का सहारा लिए। बताया जा रहा है कि कई जिलों में बॉयोमेट्रिक के आधार पर कई महीने से चिकित्सकों का वेतन अवरूद्ध कर दिया गया है। इस कारण चिकित्सकों में काफी असंतोष है। इसके अलावे सुरक्षा, आवाास, मानव बल, गृह जिले में पोस्टिंग और कार्य समय का निर्धारण को लेकर भासा संगठन इन दिनों हड़ताल पर है। सदर अस्पताल के अधीक्षक सह भासा संगठन के पदाधिकारी डॉक्टर अनिल कुमार सिंह ने बताया कि संगठन की ओर से जारी पत्र के अनुसार 27 से लेकर आगामी 29 मार्च तक ओपीडी सेवा का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है। सुबह 11 बजे तक ओपीडी सेवा का किया गया संचालन गुरुवार की सुबह प्रतिदिन की तरह अपने नीयत समय से ओपीडी का रजिस्ट्रेशन काउंटर का संचालन शुरू कर दिया गया था। विभिन्न विभागों में डॉक्टर भी मौजूद थे। सुबह 11 बजे तक डॉक्टर मरीज को देखने के बाद हड़ताल पर चले गए। बताया गया कि ओपीडी में इलाज के लिए गुरुवार को कुल 238 मरीजों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया था। इनमें से सामान्य ओपीडी में 105, शिशु विभाग में 54, महिला विभाग में 17, डेंटल में 3, आई विभाग में 19, आर्थों में 28 व ईएनटी में कुल 2 मरीजों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया था। ओपीडी के शिशु विभाग का संचालन निर्बाध रूप से जारी रहा बताया गया कि भासा संगठन के हड़ताल के बाद भी मॉडल अस्पताल में संचालित शिशु विभाग का संचालन निर्बाध रूप से जारी रहा। डॉक्टर कालिका सिंह इलाज के लिए आने वाले मरीजों का इलाज करते रहे। ओपीडी के अन्य विभागों के बंद होने के बाद भी दोपहर के दो बजे तक शिशु विभाग का संचालन किए जाने से आने वाले मरीजों को काफी लाभ मिला। इमरजेंसी वार्ड में आठ घंटे में 94 मरीजों को मिला इलाज विभिन्न मांगों को लेकर ओपीडी सेवा के बंद होने के बाद भी इमरजेंसी सेवा जारी रहा। आने वाले मरीजों को इलाज दिया जाता रहा। मिले एक आंकड़े के अनुसार सुबह आठ बजे से लेकर शाम के चार बजे तक कुल 94 मरीजों को इलाज दिया जा चुका था। वहीं, इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर मुकेश रंजन ने बताया कि दोपहर के दो बजे से लेकर शाम के चार बजे तक कुल 29 मरीजों को इलाज दिया गया।
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