गांवों में खेत-खलिहान और बाग-बगीचे में जले तेल के दीये
रघुनाथपुर में दीपावली का जश्न शहरों से कम नहीं था। गांवों में इलेक्ट्रिक दीयों और फुलझड़ियों के साथ-साथ मिट्टी के दीये भी सजाए गए। खेतों और बागों में मिट्टी के दीये जलाए गए, जो पीढ़ियों से चली आ रही...
Newswrap हिन्दुस्तान, सीवानSat, 2 Nov 2024 01:28 PM
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रघुनाथपुर, एक संवाददाता। दीपावली की धूम गांवों में शहरों से कम नहीं रही। इलेक्ट्रिक दीयों और फुलझड़ियों से घर-आंगन गुलजार तो थे ही, सरसों के तेल से मिट्टी के दीये भी खूब सजे थे। खेत-खलिहान और बाग-बगीचे में मिट्टी के दीये जलाए गए थे। पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही यह परंपरा गुरुवार को भी नजर आई। पास के कुंआ, चापाकल, खुरपी-कुदाल, ओखली-मूसल और जांता (जांत) पर भी मिट्टी के बने दीये सजाकर रखे गए थे। सिलवट-लोढ़ा, नाद-खूंटा, हल-जुआठ और बैगन-आलू के खेत में दीपावली पर किसानों ने दीया जलाया।
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