Hindi Newsबिहार न्यूज़सीवानDivine Aarti and Dharma Sabha Celebrate Kartik Purnima at Panchmadir Ghat

कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर सरयू तट पर बही ज्ञान गंगा

शुक्रवार की संध्या को दरौली के पंचमदिर घाट पर मां सरयू की महाआरती के बाद धर्म संसद का आयोजन हुआ। श्रद्धालुओं ने सरयू स्नान किया और नदियों के संरक्षण पर विचार-विमर्श किया। संतों ने सनातनी परंपराओं का...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीवानSat, 16 Nov 2024 10:27 AM
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दरौली, एक संवाददाता। शुक्रवार की संध्या में जो कि कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या भी थी, दरौली के पंचमदिर घाट के तट पर मां सरयू की महाआरती के उपरांत आयोजित धर्म संसद में ज्ञान गंगा भी बही। इसमें सुबह सरयू स्नान की आकांक्षा पाले विश्राम कर रहे श्रद्धालुओं ने जमकर डुबकी लगाई। धर्म संसद में सनातनी परंपराओं और नदियों की महता पर विचार मंथन हुआ और श्रद्धालुजनों से नदियों के संरक्षण में सहभागी बनने की अपील की गई। सरयू तट पर शुक्रवार को आयोजित धर्म संसद का आरम्भ चकरी आश्रम के संत रघुनाथदास जी महाराज, ममउर मठ के महंत सिद्धेश्वर नाथ जी, प्रोफेसर रविंद्रनाथ पाठक और शिक्षाविद् डॉक्टर गणेश दत्त पाठक द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलन से हुआ। इसके बाद चकरी मठ स्थित गुरुकुल के बटुकों ने आकर्षक योगाभ्यास प्रस्तुत कर श्रद्धालुजनों को रोमांचित कर दिया। धर्म संसद का मंच संचालन रितेश सिंह कर रहे थे जबकि विषय प्रवेश विंध्याचल राय ने कराया। प्रोफेसर रविंद्रनाथ पाठक ने कहा कि सनातनी परंपरा में प्रकृति और संस्कृति का महत्व सर्वविदित है। हमारे संस्कार हमारे जीवन को सुगंधित करते रहे हैं। आवश्यकता इस बात की है कि सनातनी परंपराओं के निर्वहन के माध्यम से समाज में समरसता के प्रसार में हम सभी सहभागी बनें। शिक्षाविद् डॉक्टर गणेश दत्त पाठक ने कहा कि हमें प्रत्येक सनातनी परंपरा के महत्व और उसके संदेश को समझना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार हमें नदियों और जल के महत्व को बताता है। हम सभी को नदियों के संरक्षण में सहभागी बनना चाहिए। चकरी आश्रम के गुरुकुल के बटुकों और मां सरयू की आरती करने वाले पंडितों को उपहार देकर सम्मानित किया गया। आभार ज्ञापन नन्द ओझा ने किया।

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