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मैरवा में नपं के बैठक रद्द होने से विकास कार्य हो रहा प्रभावित

मैरवा नगर पंचायत में दो बोर्ड बैठकें रद्द होने से विकास कार्य प्रभावित हो रहा है। पूर्व चेयरमैन किसमती देवी की अयोग्यता के बाद गुटबंदी शुरू हो गई है। वार्ड सदस्यों का उपाध्यक्ष के खिलाफ विरोध बढ़ रहा...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीवानSun, 29 Dec 2024 03:53 PM
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मैरवा, एक संवाददाता। नगर पंचायत में बोर्ड के दो बैठक के रद्द होने से विकास कार्य पर असर पड़ रहा है। बैठक के रद्द होने के साथ वार्ड सदस्यों की गुटबंदी भी शुरू हो गई है। पूर्व चेयरमैन किसमती देवी को चुनाव आयोग के द्वारा अयोग्य करार देने के बाद गुटबंदी शुरू हो गई है। दस से अधिक वार्ड सदस्य उपाध्यक्ष के बैठक में लाने वाले ऐजेंड़े का विरोध कर रहे है। उपाध्यक्ष पर मनमाने तरीके से कार्य करने का आरोप भी लगने लगा है। नगर पंचायत में हाल के पांच वर्ष में लगातार दो बैठक का विरोध पहली बार हुआ है। ऐसे में नगर पंचायत के कई प्रस्ताव पर असर पड़ रहा है। पूर्व चेयरमैन किसमती देवी के कार्यकाल में दो दर्जन से अधिक विभागीय कार्य को मंजूरी दी गई थी। नगर के आठ से अधिक वार्ड में विभागीय कार्य चल रहा है। जिससे लोगों को धरातल पर कुछ काम होता दिख् रहा है। उनके सदस्यता जाने के बाद बोर्ड की बैठक नहीं होने से आने वाले समय में कार्य की रफ्तार धीमी होने की आशंका बढ़ने लगी है। उपाध्यक्ष के बुलाने पर लगभग बारह सदस्य लगातार दो बैठक में नहीं पहुंचे हैं। उपाध्यक्ष के साथ एक वार्ड सदस्य बोर्ड की बैठक में पहुंचे रहे हैं। विरोध करने वाले वार्ड सदस्य मनमाने तरीके वाले ऐजेंडे को लाने की बात कह रहे हैं। ट्रेड लाईसेंस के साथ अतिक्रमण हटाने के प्रस्ताव से आम लोगों के प्रभावित होने की आशंका लोग जता रहे हैं। अधिकांश वार्ड सदस्य उपाध्यक्ष पर नगर के लोगों को टैक्स का बोझ बढाने की बात कह रहे है। चार वर्ष से सड़क निर्माण को लेकर नहीं निकला टेंडर मैरवा। नगर पंचायत में चार वर्ष से विकास कार्य मंद गति से चल रही है। चार वर्ष से दो करोड़ रूपये से होने वाले निर्माण कार्य का टेंडर नहीं निकल सका है। मझौली चौक पर टूटे नाले का निर्माण समेत कई मुहल्ले में सड़क निर्माण के लिए निकाले जाने वाला टेंडर तीन बार रद्द हो चुका है। वर्तमान में वार्ड सदस्यों के गुटबाजी से पूर्व भी नगर में बीस लाख से अधिक के एस्टीमेट वाले निर्माण कार्य का टेंडर नहीं निकाला जा सका है। इस दौरान बार बार ईओ के तबादले के साथ कई तकनीकी खामी भी वजह बनती रही है। बड़े बजट वाले निर्माण कार्य के नही होने से नगर का विकास कई वर्ष से धीमी रफतार में चल रहा है।

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