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गुठनी: सरयू के खतरनाक घाटों से फिर शुरू हुआ नाव संचालन

गुठनी और दरौली प्रखंड में सरयू नदी के खतरनाक घाटों पर नाव संचालन फिर से शुरू हो गया है। 29 नवंबर को 30 लोग नाव दुर्घटना में डूब गए थे, लेकिन नाव संचालक लोगों की जान को जोखिम में डालकर अधिक लोगों को...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीवानThu, 5 Dec 2024 11:56 AM
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गुठनी, एक संवाददाता। गुठनी और दरौली प्रखंड मुख्यालय में बहने वाली सरयू नदी के खतरनाक घाटों से फिर नाव संचालन शुरू कर दिया गया है। 29 नवंबर की सुबह सरयू नदी में नाव पर बैठे 30 लोग दुर्घटना की वजह से नदी में डूब गए थे। उन्हें स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों के सहयोग से काफी मशक्कत के बाद बचाया गया। बावजूद ठेकेदारों और नाव संचालकों द्वारा जानबूझकर आम लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यही नहीं लोगों के दबाव के चलते नाव संचालक सरयू नदी में हुए कटाव से बने खतरनाक घाटों पर से नाव संचालन का नया तरीका ढूंढ लिया है। जहां से नाव संचालन किया जा रहा है। इन दिनों दियारा में रबी फसल की बुआई को लेकर किसानों की भीड़ बढ़ गई है। वहीं नाव संचालक इसका पूरा फायदा उठाकर लोगों को क्षमता से अधिक लोगों को नाव पर बिठा रहे हैं। जबकि, नाव पर पंप सेट, कृषि संयंत्र, यूरिया, डाई, पोटाश, कीटनाशक और घरेलू सामानों को भी लादा जा रहा है। इससे और भी खतरा बढ़ जाता है। सीओ सह डिप्टी कलेक्टर अमर ज्योति ने बताया कि हिदायत के बावजूद इस तरह का नाव संचालन करना कानूनन गलत है। अगर प्रशासन के जांच में इस तरह का मामला आया तो संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई होना तय है। प्रशासन द्वारा नाव संचालन की नहीं होती है जांच सरयू नदी में दियारा और यूपी के खरीद तक चलने वाली नाव और स्टीमर पर क्षमता से अधिक लोगों को बिठाया जाता है। हालांकि स्थानीय प्रशासन इन सब से अनभिज्ञ है। जबकि स्थानीय प्रशासन द्वारा आज तक नाव संचालन और उसके गाइड लाइन को लेकर कभी जांच पड़ताल नहीं की जाती। इसमें नाव की जांच, सवारियों की संख्या की जांच, संचालित करने वाली एजेंसी, नाव संचालक का नाम पता शामिल है। क्षमता से अधिक बैठने पर बढ़ता है खतरा सरयू नदी में स्टीमर और नाव पर क्षमता से अधिक सवारी बैठाने पर खतरा बढ़ जाता है। बावजूद नाव संचालकों द्वारा बाढ़ और तेज बहाव के बावजूद लोगों को क्षमता से अधिक बिठाया जाता है। क्या कहते हैं सीओ सीओ सह डिप्टी कलेक्टर अमर ज्योति ने बताया कि घाटों से संचालित होने वाले नाव को लेकर स्थानीय प्रशासन ने संबंधित संचालक को निर्देश दिया है। अगर लापरवाही सामने आती है तो कारवाई होगी।

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