प्रमुख और उपप्रमुख पर पदीय शक्ति के दुरूपयोग के शिकायत पर डीएम से प्रतिवेदन की मांग
मैरवा के प्रखंड प्रमुख वीरेन्द्र भगत और उप प्रमुख चंदा देवी पर पदीय शक्ति के दुरूपयोग और उदासीनता का आरोप लगा है। सेवतापुर के कामेश्वर सिंह ने आरोप लगाया कि तीन वर्षों में केवल तीन पंचायत बैठकें हुईं...
मैरवा, एक संवाददाता। प्रखंड प्रमुख वीरेन्द्र भगत और उप प्रमुख पर पदीय शक्ति के दुरूपयोग एवं दायित्व के निर्वहन में उदासीनता के शिकायत पर पंचायती राज के उप निदेशक सारण ने सीवान के डीएम से प्रतिवेदन की मांग की है।परिवाद में वर्णित बिन्दु पर प्रमुख और उप प्रमुख से जवाब मांगते हुए अपने मंत्वय एवं अनुशंसा की मांग की है। सेवतापुर के कामेश्वर सिंह ने प्रमुख विरेन्द्र भगत और उप प्रमुख चंदा देवी पर पंचायती राज अधिनियम की धारा 44 के तहत कार्रवाई की मांग किया है।आवदेन में आरोप लगाया है कि निर्वाचित प्रमुख और उप प्रमुख निर्वाचित होने की तिथि से तीन वर्ष में पंचायत समिति के मात्र तीन बैठक बुलाई गई है। प्रमुख के द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए वितीय वर्ष 2022 23 में पंचायत समिति के विकास के उपलब्ध अधिकांश योजना सिर्फ अपने प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र में स्वीकृत कर विकास निधि का भरपूर गबन किया गया है। प्रमुख और कार्यपालक पदाधिकारी पंचायत समिति के द्वारा शिक्षक नियोजन में बिना शिक्षा विभाग के मार्गदर्शन प्राप्त किये मनमाने ढंग से व्यक्तिगत आर्थिक लाभ के लिए कम मेरिट वाले अभ्यर्थी का नियोजन किया गया है। 15 वें वित राज्य एवं षष्ठम राज्य वित आयेाग की अनुशंषा में जो भी कार्य कराया जाता है। यहां एक हीं अभिकर्ता के रूप में पंचायत सचिव को संवेदक बनाया जाता है। जबकि नियमानुसार किसी भी सरकारी कर्मचारी को एक वित्तीय वर्ष में तीन से अधिक योजना का अभिकर्ता नियुक्त नहीं किया जा सकता है। इसके साथ कबीरपुर में योजना को लेकर प्रमुख के द्वारा कार्यवाही पुस्तिका में अलग से योजना जोड़ने और धोबीघाट के पोखरा के बांध के निर्माण में राशि के गबन का अरोप लगाया है। इस मामले उप निदेशक के यहां चल रहे वाद में 20 नवंबर को सुनवाई होने की बात बताई जा रही है।
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