Chhath Puja Celebrations in Siwan Devotees Offer Prayers to Sun God अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य, उदीयमान को अर्घ्य आज, Siwan Hindi News - Hindustan
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अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य, उदीयमान को अर्घ्य आज

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Newswrap हिन्दुस्तान, सीवानFri, 4 April 2025 03:18 PM
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अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अर्घ्य,  उदीयमान को अर्घ्य आज

सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता। चैती छठ को लेकर शहर से गांव तक का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। व्रतियों के साथ उनके परिजन भी छठी मईया व सूर्य देव की आराधना कर परिवार में सुख-शांति की कामना कर रहे हैं। अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ग्य देने से पूर्व घरों में गुरुवार की सुबह से ही अर्घ्य व कोसी की तैयारी चलती रही। ढेकुआ, खजूर, पूड़ी बनाने के साथ ही बाजार से खरीदारी भी होती रही। फिर दोपहर बाद सिर पर दउरा व हाथ में लोटा लिए व्रती व उनके परिजन छठ घाटों की ओर रवाना हो गए। वहीं, चार दिवसीय लोक आस्था के चैती छठ महापर्व का समापन शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ हो जायेगा। बहरहाल, लोक आस्था के चार दिवसीय चैती छठ व्रत के तीसरे दिन गुरुवार को व्रती महिला-पुरुषों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर संतान के दिघार्यु होने व परिवार में सुख-शांति की छठी मईया व भगवान भाष्कर से कामना की। पोखरों व नदी किनारे उमड़ा सैलाब इस दौरान दाहा नदी के विभिन्न तटों समेत पोखरा व तालाब किनारे आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। बांस व पीतल की सुपली में ढेकुआ, गागल नींबू, नारियल्र, पान, सुपाड़ी, लौंग, केला, सेव, संतरा, अमरुद, केला, अनार, ईंख, आदि, सुथनी समेत अन्य मौसमी फलों को सजाकर जल से भगवान भाष्कर को व्रतियों ने अर्घ्य दिया। शहर के दाहा नदी पुलवा छठ घाट, शिवव्रत साह घाट, अग्रवाल घाट, श्रीनगर, रेनुआ, महादेवा, नई बस्ती, कंधवारा, नवलपुर आदि छठ घाटों के साथ पचमंदिरा पोखरा पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए भारी संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी थीं। छठ घाटों पर गूंज रहे छठी मईया के गीत के साथ ही महिलाएं भी गीत गाए जा रही थीं। सिरसोप्ता की पूजा हल्दी का लेपन, रोली-सिंदूर से की गई व्रतियों को अर्घ्य दिलाने के लिए परिजन समेत घाट पर मौजूद अन्य लोग भी नदी में उतर पड़े। अर्घ्य देने से पूर्व व्रतियों ने नदी की पूजा-अर्चना की, वहीं, अर्घ्य देने के बाद छठी मईया के स्वरुप सिरसोप्ता की पूजा हल्दी का लेपन, रोड़ी-सिंदूर लगाकर की गई। आचार्य पंडित कामता मिश्रा ने बताया कि इस व्रत को करने से परिवार की सुख-समृद्धि, संतान की लंबी आयु और निरोगी जीवन की प्राप्ति होती है। यह व्रत जीवन में संयम, शुद्धता व आत्म-नियंत्रण की भावना को जागृत करता है। अर्घ्य देकर घर पहुंची व्रतियों ने आंगन में ईंख का गेड़ा लगा कोसी भरी। कोसी में मिट्टी की ढकनी में पूड़ी, खजूर, विभिन्न प्रकार के फल-मूल रख उसपर दिया जलाया। साथ ही चनवा तान छठी मईया व सूर्य देव की गीत गाते हुए परिवार की मंगल कामना की। इधर, छठ व्रतियों की सुविधा व सहुलियत के लिए दाहा नदी पुलवा छठ घाट पर जिला प्रशासन का शिविर लगाया गया था। शिविर में सदर एसडीओ सुनील कुमार व एसडीपीओ अजय कुमार सिंह उपस्थित होकर आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे थे।

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