शहर से लेकर गांव तक हो रही चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना
सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता।महाभारत संपत्ति को बांटने के लिए, रामायण विपत्ति बांटने के लिए सीवान। गांधी मैदान में चल रहे चौथे दिन के श्रीराम कथा में मानस कोकिला प्रीति प्रिया रामायणी ने कहा कि...

सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता। जैसे-जैसे चैत्र नवरात्र का दिन आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे देवी मंदिरों में लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है। शहर से लेकर ग्रामीण इलाके तक में देवी मंदिरों में सुबह से लेकर देर शाम तक लोग पूजा-अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में चैत्र नवरात्र के पांचवें दिन गुरुवार को माता रानी के पंचम स्वरुप स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की गई। मंदिरों व घरों में चैत्र नवरात्र के पहले दिन रखे गए कलश की पूजा की गई। दुर्गा सप्तशती व दुर्गा चालिया का पाठ कर माता रानी को प्रसन्न किया गया। आरती-पूजन के साथ माता को भोग अर्पित किया गया। मंदिरों में पूजा-अर्चना करा रहे आचार्यों ने बताया कि स्कंदमाता की भक्तिभाव से पूजा करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भगवान कार्तिकेय की माता होने के कारण मां दुर्गा के इस स्वरुप को स्कंदमाता का नाम मिला। शुक्ला टोली हनुमान मंदिर के आचार्य पंडित नीतीश दुबे ने बताया कि मां दुर्गा के पंचम स्वरूप स्कंदमाता की पूजा नवरात्रि की पंचमी तिथि पर की जाती है। मान्यता है कि यह मां अपने भक्तों पर स्नेह लुटाती हैं। मां स्कंदमाता की पूजा-अर्चना करने से नकारात्मक शक्तियों दूर होती हैं और कार्यों की विघ्न-बाधा भी खत्म होती है। स्कंदमाता की भक्तिभाव से पूजा-अर्चना करने व व्रत करने से जातक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इधर, चैत्र नवरात्र में विभिन्न प्रकार के धार्मिक यज्ञ व अनुष्ठान को लेकर प्रतिदिन कलश यात्रा निकाली जा रही है। धार्मिक मंत्रोच्चार से कोना-कोना गूंज रहा है। गेरुआ झंडा-पताका से शहर से लेकर गांव तक पट गए हैं। देवी मंदिरों तक जाने वाले प्रमुख मार्गों में बड़े-बड़े भव्य तोरण द्वार बनाए गए हैं।
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