शिष्योपनयन संस्कार शिक्षा पद्धति का महत्वपूर्ण अंग
सीवान में दयानंद आयुर्वेदिक स्नातकोत्तर मेडिकल कॉलेज में शिष्योपनयन संस्कार समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम आयुष मंत्रालय और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के निर्देशन में हुआ। समारोह में मुख्य अतिथि...
सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता। दयानंद आयुर्वेदिक स्नातकोत्तर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में कार्यक्रम का आयोजन बुधवार को किया गया। आयुष मंत्रालय, भारत सरकार व भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली द्वारा निर्देशित ट्रांसिशनल करिकुलम के तहत धनवंतरी सभागार में सत्र 2024- 25 में नव नामांकित छात्र-छात्राओं का शिष्योपनयन संस्कार समारोह हुआ। वहीं, काय चिकित्सा विभाग के स्नातकोत्तर के नवीन छात्रों का संस्कार समारोह महाविद्यालय के धनवंतरी हाल में प्रारंभ हुआ। बताया गया कि यह अगले 20 दिनों तक चलेगा। शुरुआत मुख्य अतिथि सह मुख्य वक्ता महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य प्रो. डॉ. प्रजापति त्रिपाठी व प्राचार्य प्रो. डॉ. सुधांशु शेखर त्रिपाठी ने दीप जलाकर किया। प्रचार्य ने कहा कि शिष्योपनयन संस्कार पुरातन काल से ही शिक्षा पद्धति का महत्वपूर्ण अंग रहा है। पूर्व प्राचार्य प्रो. डॉ. प्रजापति त्रिपाठी ने छात्र-छात्राओं को चरक प्रतिज्ञा दिलवाई। मुख्य वक्ता व आयुर्वेद के अनुसंधान पदाधिकारी डॉ. शिवादित्य ठाकुर ने आधुनिक युग में आयुर्वेद की महत्ता व शिष्योपनयन संस्कार की आवश्यकता पर व्याख्यान दिया। शिष्योपनयन संस्कार में महाविद्यालय के प्रो. डॉ. राजा प्रसाद, प्रो. डॉ. उपेन्द्र पर्वत, डॉ. आर आर शर्मा, डॉ. रमेश तिवारी, डॉ. एस के तिवारी, डॉ. पुष्कर राय, डॉ. प्रबुद्ध झा, डॉ. कौशिक व शैलेन्द्र तिवारी आदि उपस्थित थे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।