गुठनी में156 आंगनबाड़ी केंद्रों को अपना भवन नहीं
गुठनी प्रखंड में 156 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं, जिनमें से अधिकांश के पास अपना भवन नहीं है। केवल 32 केंद्रों के पास ही भवन हैं। जर्जर भवनों में बच्चों को पढ़ाना असुरक्षित हो रहा है। सीडीपीओ सरोज...
गुठनी, एक संवाददाता। प्रखंड में 156 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनमें अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्रों का अपना भवन तक नहीं बन पाया है। वहीं, पुराने भवनों को विभाग द्वारा रिपेयर करा कर काम लिया जा रहा है। इनमें आज भी 156 आंगनबाड़ी केंद्रों का अपना कोई निजी भवन नहीं है। वह किराए और निजी मकानों में चलने के लिए आज भी विवश हैं। मिली जानकारी के अनुसार, करीब 32 आंगनबाड़ी केंद्रों के पास ही अपना भवन है। सीडीपीओ सरोज पाठक का कहना है कि इसके लिए कई बार विभागीय अधिकारियों और जिले के वरीय अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। मातृत्व और लाडली योजना का लोगो को मिला है लाभ बहु प्रतीक्षित योजनाओं में से एक मातृत्व योजना का लाभ आईसीडीएस विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं को दिया जा रहा है। कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, दिसम्बर माह तक 150 लाभुकों ने आवेदन दिया था। कन्या उत्थान योजना के तहत करीब 200 लाभुकों ने आवेदन किया था। इनमें गर्भवती महिलाओं को 5000 प्रोत्साहन राशि देने। जबकि, कन्याओं के लिए 2000 जमा करने का स्कीम राज्य सरकार के तरफ से दिया जाता है। भवन भी जर्जर होने से बच्चों के समाने बढ़ी मुश्किलें प्रखंड मुख्यालय में आंगनबाड़ी केंद्रों के जर्जर हालत पर भले ही स्थानीय प्रशासन और जिला प्रशासन की नजर ना पहुंच रही हो लेकिन जर्जर भवन में छोटे नैनिहालों को पढ़ाना असुरक्षित हो सकता है। 32 सरकारी भवनों में से करीब 10 भवन जर्जर हो गए हैं। जिनकी कोई भी सुधि लेने वाला नहीं है। हालांकि, सीडीपीओ कार्यालय से इसकी कई बार सूचना जिला मुख्यालय को भेजी जा चुकी है। लेकिन अबतक उन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। क्या कहती है सीडीपीओ सीडीपीओ सरोज पाठक का कहना है कि 32 सरकारी केंद्रों में भी कुछ की हालत जर्जर हो चुका है। हमने कई बार इसकी लिखित जानकारी विभागीय अधिकारियों को भेजा है।
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