जिले के सभी प्रखंडों में एक बनेगा कृषि आदर्श ग्राम, किसानों का बढ़ेगा कौशल विकास
सीवान जिले में कृषि विभाग सभी प्रखंडों में एक कृषि आदर्श ग्राम का चयन करने जा रहा है। चयनित गांवों में किसानों को कृषि योजनाओं का लाभ मिलेगा, जिससे उनके कौशल विकास और आजीविका के अवसर बढ़ेंगे। कृषि...
सीवान, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। जिले के सभी प्रखंडों में एक ऐसे गांव का चयन कृषि विभाग करने जा रहा है, जो कृषि आदर्श ग्राम के नाम से जाना जाएगा। ऐसे गांव के चयन के लिए कृषि विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। जल्द से जल्द हर प्रखंड में कृषि आदर्श ग्राम का चयन कर लिया जाएगा। साथ ही चयनित गांव में कृषि विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं का लाभ किसानों को दिया जाएगा। ताकि यहां के किसानों का कौशल विकास हो। साथ ही उनको आजीविका का अवसर प्राप्त हो। गौर करने वाली बात है कि कृषि आदर्श ग्राम का कलस्टर कम से कम 10 हेक्टेयर होनी चाहिए। वहीं चयनित ग्राम में कम से कम 100 किसानों का होना जरूरी आवश्यक है। बताते चलें कि कृषि आदर्श ग्राम योजना से गांवों में कृषि से जुड़ी गतिविधियां बढ़ती हैं, और किसानों को अधिक से अधिक फायदे मिलते हैं। इसको लेकर जिला कृषि पदाधिकारी आलोक कुमार ने सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारियों के साथ-साथ कृषि समन्वय को कृषि आदर्श ग्राम का चयन जल्द से जल्द कर विभाग को चयनित गांवों की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। चयन के दौरान उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से राय लेने का भी निर्देश दिया है। ताकि चयनित गांव को लेकर बाद में कहीं से किसी प्रकार की शिकायत न मिले। कृषि आदर्श ग्राम में जुड़े गांवों को ये मिलेंगे फायदे - कृषि से जुड़े कौशल विकास और आजीविका के अवसर बढ़ेंगे। - मृदा स्वास्थ्य कार्ड के बारे में किसानों की जागरूकता बढ़ेगी। - परंपरागत कृषि विकास योजना और उन्नत बीजों के लिए वित्तीय सहायता की जानकारी मिलेगी। - पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान योजना के बारे में जानकारी मिलेगी। - कृषि से जुड़ी गतिविधियों के लिए योजना बनाई जाएगी। - गांवों में कृषि से जुड़ी गतिविधियों के लिए ग्राम विकास योजना बनाई जाएगी। डेयरी और मधुमक्खी पालन की योजनाओं का मिलेगा लाभ जिला कृषि पदाधिकारी ने आदर्श कृषि ग्राम तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इनमें कृषि, उद्यानीकरण, सब्जी उत्पादन, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, पशुपालन, मत्स्य पालन, चारा उत्पादन, डेयरी विकास, जैविक खेती, जड़ी-बूटी सगंध पौध उत्पादन, विपणन आदि कार्य विभागों के माध्यम से किए जाएंगे। इसके संचालन को जिला, ब्लॉक एवं ग्राम स्तर पर समिति गठित की जाएगी। मिली जानकारी के अनुसार कृषि आदर्श ग्राम का कलस्टर कम से कम 10 हेक्टेयर का होना चाहिए। प्रत्येक क्लस्टर में 100 से अधिक कृषकों को शामिल किया जाएगा। क्या कहते हैं अधिकारी जिले के सभी प्रखंडों में एक-एक कृषि आदर्श ग्राम का चयन किया जाएगा। चयनित गांवों में कृषि संबंधी योजनाओं का लाभ किसानों को मिलना शुरू हो जाएगा। किसानों को समय-समय पर नई तकनीक से खेती, यंत्रों की जानकारी सहित कई तरह के फायदे मिलेंगे। आलोक कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी, सीवान
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