आमजन के सवालों को लेखनी के माध्यम से राजसत्ता तक पहुंचाए
सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता। शहर के कन्हैयालाल केन्द्रीय जिला पुस्तकालय में जनवादी लेखक संघ सीवान का 11 वां जिला सम्मेलन रविवार को आयोजित किया गया। जिला सम्मेलन के मुख्य अतिथि व जलेस के राज्य सचिव...

सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता। शहर के कन्हैयालाल केन्द्रीय जिला पुस्तकालय में जनवादी लेखक संघ सीवान का 11 वां जिला सम्मेलन रविवार को आयोजित किया गया। जिला सम्मेलन के मुख्य अतिथि व जलेस के राज्य सचिव कुमार विनिताभ ने देश में व्याप्त आर्थिक संकट, शोषण, नफ़रत, लोकतांत्रिक मूल्यों के हो रहे क्षरण पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि जनवादी साहित्य व साहित्यकारों की महत्ती जिम्मेदारी है कि आमजन के सवालों को लेखनी के माध्यम से राजसत्ता तक पहुंचाए ही बल्कि सत्ता को मजबूर करे कि जनता के सवालों को हल करें। उन्होंने कहा कि भेड़िया गुर्राता है, तुम मशाल जलाओ, तुम मशाल उठा, भेड़िए के करीब जा, भेड़िया भागेगा। इससे पूर्व अरुण कुमार सिंह ने 10 वें जिला सम्मेलन से लेकर अब तक दिवंगत साहित्यकारों, राजनेताओं, संस्कृति कर्मियों, कलाकारों व सैन्यकर्मियों आदि के प्रति दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित करने का प्रस्ताव रखा। अधिवक्ता मणीश प्रसाद सिंह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में वीर शहीदों, क्रांतिकारियों, नेताओं, शिक्षाविदों, साहित्यकारों व कलाकारों के योगदान पर वृहद प्रकाश डाला। प्रो. राम सुंदर चौधरी ने अतिथियों का अभिनंदन किया। जलेस के राज्य उपाध्यक्ष व जिलाध्यक्ष शायर कमर सीवानी ने सम्मेलन की अध्यक्षता की। जिला सम्मेलन में डॉ. दयानंद सिंह, नवीन कुमार वर्मा, कन्हैया प्रसाद यादव, शशि कुमार, नीरज कुमार यादव, सुशील कुमार, मजहरुल हक, सुनील कुमार सिंह, विपिन बिहारी सिंह, प्रो. भरत प्रसाद, धर्मेन्द्र साह, गणेश राम, दया शंकर द्विवेदी, डॉ. जगन्नाथ प्रसाद, मुरलीधर मिश्र व दीनानाथ यादव आदि उपस्थित थे। दूसरे सत्र में जिला सचिव ने प्रस्तुत किया प्रतिवेदन कन्हैयालाल केन्द्रीय जिला पुस्तकालय में जनवादी लेखक संघ के 11 वें जिला सम्मेलन के दूसरे सत्र में सम्मेलन के दूसरे सत्र में जिला सचिव मार्कंडेय ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। प्रतिवेदन पर बहस में युगल किशोर दूबे, रविन्द्र सिंह, प्रो. उपेन्द्र नाथ यादव, दशरथ राम व उपेन्द्र कुमार यादव आदि ने हिस्सा लिया। वहीं, कवि सम्मेलन व मुशायरा आयोजित की गयी। शायर कमर सीवानी ने अपनी रचना जलेस फलूसों, मेहरों मुरौवत की बात करता है, यह एकता की बात करता है, यह मोहब्बत सिखाता है, वफा के सांचे में हरदिल को ढालना होगा,जो डगमगाता है उसको संभालना होगा, सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। संचालक सरवर हाशमी ने दोस्ती का पैगाम दिया करते कि हाथ दुश्मन की तरफ अपना बढ़ाया जाए , दाग नफरत का हर दिल से मिटाया जाए। विक्रमा पंडित विवेकी की कविता चिथड़े से तन को ढकने का असफल प्रयास, उघरे बदन को देख मिट गए आत्मिक उल्लास सुनाया। डॉ. संदीप कुमार यादव, लाइची हरिराही, आजाद अली, कमलेश्वर ओझा व डॉ. रीता कुमारी शर्मा ने अपनी रचनाओं से समां बांध दिया।
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