गीला खेत किसानों के उम्मीद पर फेर रहा पानी

बीते खरीफ सीजन में रिकॉर्ड वर्षा में धान की फसल डूबने से कराह रहे किसानों को दलहन - तेलहन की खेती की आस भी टूट चुकी है। प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों जगहों पर अभी भी फसल लगाने योग्य खेतों में पानी लगा...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीतामढ़ीThu, 29 Oct 2020 11:32 PM
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बीते खरीफ सीजन में रिकॉर्ड वर्षा में धान की फसल डूबने से कराह रहे किसानों को दलहन - तेलहन की खेती की आस भी टूट चुकी है। प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों जगहों पर अभी भी फसल लगाने योग्य खेतों में पानी लगा हुआ है। किसानों की स्थिति बेहद खराब है। धान के नुकसान की भरपाई दलहन - तेलहन के फसल से किसान करने की उम्मीद लगाये बैठे थे। लेकिन खेतों में जमा पानी उस उम्मीद पर भी पानी फेर दिया है। प्रखंड का कल्याणपुर, बड़हरवा, अदिया, मच्छरगांवा, जागीर, कररिया, कोन्हवा, अहिरौलिया, डुमरा, राजपुर आदि जगहों पर बड़े पैमाने पर किसान दलहन, तेलहन और सब्जियों की खेती कर अच्छी कमाई करते आये हैं। कुछ जगहों पर तो सब्जी की बड़े स्तर पर खेती होती है। न दलहन - तेलहन न सब्जी की खेती होने की संभावना दिख रही है। सब्जी की खेती में देरी के चलते सब्जियों के दामों में कमी नहीं हो पा रही है। किसान देवनारायण बैठा बताते हैं कि इस बार दाल और तेल के दाम में अप्रत्याशित बढ़ोतरी होने की आशंका है। प्रखंड के बहुत बड़ा खेती योग्य जमीन चौर क्षेत्र है। अधिक वर्षा होने और नहरों से निकलने वाले पानी से सैकड़ों एकड़ फसल लगी जमीन डूब जाती है। जल्दी पानी नहीं निकलने की स्थिति में खरीफ सीजन के धान और मक्का की फसलें बह जाती है या डूब जाती है। किसान सत्यदेव प्रसाद बताते हैं कि जल जमाव और चौर क्षेत्र वाले खेतों की स्थिति को देख कर लग रहा है कि पूरी तरह से रबी की खेती नहीं हो पायेगी। इसका नुकसान भी किसानों को उठाना पड़ेगा।

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