Hindi Newsबिहार न्यूज़सीतामढ़ीVillagers do not conduct Kovid investigation due to fear of slander

बदनामी के डर से कोविड जांच नहीं कराते ग्रामीण

कोरोना वायरस का कहर शहर से गांव की तरफ बढ़ता जा रहा है। इसके बावजूद गांव के लोग बदनामी के डर से कोविड जांच व टीकाकरण के लिए जागरूक नहीं दिख रहे...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीतामढ़ीFri, 21 May 2021 03:50 PM
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बाजपट्टी | एक संवाददाता

कोरोना वायरस का कहर शहर से गांव की तरफ बढ़ता जा रहा है। इसके बावजूद गांव के लोग बदनामी के डर से कोविड जांच व टीकाकरण के लिए जागरूक नहीं दिख रहे हैं। बाजपट्टी प्रखंड के मुरौल गांव का कुछ ऐसा ही हाल हैं। ग्रामीणों ने बताया कि करीब पांच हजार की आबादी वाले इस गांव के एक ही मुहल्ला में दो सप्ताह पूर्व पांच लोगों की मौत हो चुकी है। सभी लोग सर्दी-खांसी व बुखार से पीड़ित थे। लेकिन मृत किसी भी व्यक्ति की कोविड जांच नहीं करायी गई थी। संभव था कि यदि कोविड जांच हुई होती और सही से इलाज हुआ होता तो शायद कुछ लोगों की जान भी बच जाती। लेकिन परिजन कोविड जांच करना उचित नहीं समझे। आज भी गांव में कोई ऐसा परिवार नहीं है, जिसमें सर्दी-खांसी व बुखार से लोग पीड़ित नहीं है। खास बात यह कि इस गांव में दूसरे राज्य से बड़ी संख्या में प्रवासी लौटे है। जिन्होंने बिना कोविड जांच कराये ही अपने घर लौट गए।

पांच किमी दूर है सीएचसी

मुरौल गांव से सीएचसी से की दूरी पांच किलोमीटर है। गांव में उपस्वास्थ्य केंद्र भवन ध्वस्त हो चुका है। फिलहाल सामुदायिक भवन में उपस्वास्थ्य केंद्र संचालित हो रहा है। गांव के श्रीकांत, शशिकांत, मनीष कुमार, पूर्व जिला पार्षद विनय पासवान, मुखिया सुबोध भगत, प्रिंस सिंह आदि ने गांव स्वास्थ्य सेवा चालू कराने की मांग की है।

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