आध्यात्मिक विकास से जीवन में होता है सकारात्मक बदलाव
सीतामढ़ी में प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा मंडल कारा में पांच दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महिला बंदियों को आंतरिक विकारों से मुक्ति, सुख और शांति प्राप्त करने के लिए योग...

सीतामढ़ी। प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय योग प्रशिक्षण केंद्र की ओर से मंडल कारा में कार्यक्रम आयोजित की गई। बहनों ने मंडल कारा में महिला बंदियों को पांच दिवसीय आंतरिक विकारों से मुक्ति प्राप्त करने, जीवन में सुख शांति लाने व आध्यात्मिक शिक्षा से अवगत कराया। केंद्र की रेणु बहन ने आध्यात्मिक शिक्षा के अंतिम दिन सोमवार को शिक्षा के माध्यम से उन्हें अपनी आत्मा की पहचान और उसके महत्व को समझाया। महिला बंदियों को योग व ध्यान के माध्यम से जीवन में सुख शांति का अनुभव कराते हुए मै कौन हूं और आत्मा के बारे में पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि संस्था आध्यात्मिक शिक्षा और ध्यान के माध्यम से लोगों में जागरूकता व सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास करती है। यह शिक्षा महिलाओं को उनके भीतर की शक्ति और क्षमता को पहचानने और जीने के लिए प्रेरित करती है। बहन ने कहा कि कर्म एक बीज है। इसलिए सोच समझ कर लगाएं। उसका फल हमें आज नहीं तो कल अवश्य मिलता है। जैसा कर्म करेंगे, वही हमारे पास लौट कर आता है। कहा कि हमारे दुख और तनाव का मूल कारण है परचिंतन। ध्यान के माध्यम से पर चिंतन को छोड़ कर आत्मचिंतन की दिशा में मुड़ सकते हैं। स्वयं को शांत, तनाव मुक्त रखते हुए खुशनुमा जीवन जीने के तरीके को समझाते हुए कहा कि जहां भगवान से कनेक्शन नहीं होता तब टेंशन हो जाता है। कारा अधीक्षक मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि महिला बंदियों को तनाव मुक्त जीवन जीने व खुश रहने के लिए जो पाठ्य पढ़ाया है। वह सराहनीय है। इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य आत्मा को शांति व संतुलन प्रदान करना है। मौके पर बीके ज्योति बहन, आमोद भाई, कारा उपाधीक्षक राम विलास दास, सहायक उपाधीक्षक प्रीति कुमारी व कक्षपाल उपस्थित थे।
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