खुली सीमा होने से डकैती के लिए सेफ जोन
भारत-नेपाल की खुली सीमा होने के कारण परिहार एवं बेला का इलाका डकैती के लिए सेफ जोन बना रहा है। डकैती की घटना को अंजाम देकर डकैत खुली सीमा का लाभ...
परिहार | एक संवाददाता
भारत-नेपाल की खुली सीमा होने के कारण परिहार एवं बेला का इलाका डकैती के लिए सेफ जोन बना रहा है। डकैती की घटना को अंजाम देकर डकैत खुली सीमा का लाभ उठाकर अक्सर नेपाल भाग जाते। परिहार और बेला में इन सात वर्षों करीब डेढ़ दर्जन घरों को निशाना बनाकर लूटपाट कर घटनाओं का अंजाम दिया है। लगातार हो रही घटनाओं से लोगों में दशहत का माहौल है। भारत-नेपाल सीमा के सर्वाधिक गांवों में डकैतों के भय से लोग रतजगा करने पर मजबूर है। ठंड का प्रकोप बढ़ते ही सीमा क्षेत्र में डकैती की घटना से आमलोग दशहत में हैं। पुलिस प्रशासन भी सकते में है। सीमावर्ती गांव के लोग हर पल डकैतों के खौफ के साये में जीने को विवश हैं। डकैत डकैती करके नेपाल सीमा में प्रवेश कर जाते हैं। लेकिन इसकी भनक तक सुरक्षा बलों को नहीं होती है।
14 नवंबर को खैरवा गांव में हुई थी डकैती
पिछले 14 नवबंर की रात बेला थाना क्षेत्र के खैरवा गांव में हथियाबंद डकैतों ने कपड़ा व्यवसायी इंदल चौधरी के घर में धावा बोलकर जेवर,नगदी एवं मोबाईल समेत करीब 15 लाख की संपत्ति लूट ली थी। विरोध करने पर गृहस्वामी व उनके पुत्र अजय चौधरी को लोहे की रॉड से प्रहार कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। भागने के क्रम में डकैतों ने दहशत फैलाने के लिए दर्जन भर से अधिक बम फोड़े थे। इस कांड के एक सप्ताह के अंदर इसी थाना क्षेत्र के मुजौलिया गांव में पॉल्ट्री फॉर्म व्यवसायी शाहिद अंसारी के घर डकैतों ने छह लाख रूपये नगद सहित पांच टोला सोना, 80 भर चांदी के जेवर, एक लैपटॉप,एक मोबाइल समेत करीब दस लाख की संपत्ति लूट ली। डकैती ने भागने के क्रम में बम बिस्फोट भी किया।
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