नये वर्ष के दिन घर पहुंचे पंजाब में बंधक बने 30 मजदूर
सीतामढ़ी एवं नेपाल के 30 मजदूरों को पंजाब के कपूरथला में बंधक से मुक्त किया गया। चार महीने बाद पुलिस एवं बचपन बचाओ आंदोलन की मदद से सभी मजदूर घर लौटे। इनका शोषण किया जा रहा था, और इन्हें घर वापस जाने...
सीतामढ़ी। पंजाब के कपूरथला में आलू फॉर्म में सीतामढ़ी एवं नेपाल के बंधक बने 30 मजदूर नये वर्ष पर अपने घर वापस लौटे। सीतामढ़ी पुलिस एवं एसोशिएशन फॉर वॉलंट्री एक्शन ( बचपन बचाओ आंदोलन) के संयुक्त प्रयास के बाद चार माह के बाद सभी मजदूर बंधक से मुक्त होकर घर लौटे है। इस कार्रवाई में पंजाब पुलिस व राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का भी अहम योगदान था। पंजाब के कपूरथला जिला के सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत सिधमा गांव स्थित आलू फॉर्म से सीतामढ़ी एवं नेपाल के कुल 30 नाबालिग एवं वयस्क बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया गया। सीतामढ़ी डीएम रिची पांडेय के निर्देश के अनुपालन एवं डीएसपी सह नोडल विशेष किशोर पुलिस इकाई मो नजीब अनवर के मार्गदर्शन में नाबालिग एवं वयस्क मजदूरों को मुक्त करवाने हेतु पंजाब गई सीतामढ़ी पुलिस टीम का नेतृत्व महिला थाना की बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी रश्मि कुमारी ने किया। वही एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन ( बचपन बचाओ आंदोलन) के वरिष्ठ केन्द्रीय निदेशक मनीष शर्मा ने मामले पर त्वरित संज्ञान लिया जिसके उपरांत यह बड़ी कारवाई हुई है। एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन बिहार टीम की ओर से वरिष्ठ स. प्रोजेक्ट अधिकारी मुकुंद कुमार चौधरी पुलिस एवं बच्चो के परिजन के साथ सीतामढ़ी से पंजाब मजदूरों को मुक्त करवाने हेतु गए। जिसके उपरांत रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सफलतापूर्वक बंधुआ मजदूरों को मुक्त करवाया गया है। चार माह पहले सीतामढ़ी जिला के सोनबरसा प्रखंड के कचहरीपुर गांव निवासी बिगन राय एवं उसका भाई जिनिश राय ने संयुक्त रूप से सुरसंड प्रखंड क्षेत्र के मेघपुर गांव से नाबालिग एवं वयस्क मजदूरों को अच्छी मजदूरी दिलाने का झांसा देकर पंजाब के कपूरथला जिला के सदर थाना क्षेत्र स्थित पहलवान आलू फॉर्म ले गया। जहां इन मजदूरों से एक दिन में 16 से 18 घंटे तक मजदूरी करवाए जाने लगा। साथ ही इन लोगो को घर वापस नहीं आने दिया जाता था ना तो मजदूरी दी जाती थी घर वापसी का गुहार लगाने पर अमानवीय तरीके से मारपीट की जाती थी।
मामला संज्ञान में आने पर एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन ( बचपन बचाओ आंदोलन) की टीम ने मजदूरो के परिवार का सहयोग कर सीतामढ़ी पुलिस से मजदूरों को मुक्त करवाने का अनुरोध किया । जिसके बाद मजदूरों के परिवार की शिकायत पर भिट्ठा थाना एवं महिला थाना में में बिगन एवं जिनिश राय के विरुद्ध एफआईआर दर्ज हुई । साथ ही एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन के वरिष्ठ केन्द्रीय निदेशक मनीष शर्मा को बेला थाना क्षेत्र के मुजोलिया गांव के एवं नेपाल के आलू फॉर्म में फंसे नाबालिग एवं वयस्क बंधुआ मजदूरों के परिजन ने मुक्त करवाने का अनुरोध किया। जिसके बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से शिकायत कर नाबालिग बच्चो को मुक्त करवाने का अनुरोध किया गया। आयोग के द्वारा मामले पर त्वरित संज्ञान लेते हुए एसएसपी, कपूरथला ( पंजाब) को शीघ्र बच्चो को मुक्त करवाने हेतु पत्र भेजा गया। जिसके उपरांत सीतामढ़ी पुलिस टीम ने बचपन बचाओ आंदोलन एवं पंजाब पुलिस के संयुक्त सहयोग से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन में 11 नाबालिग एवं 19 वयस्क कुल 30 मजदूरों को आलू फॉर्म से मुक्त करवाया गया है। मुक्त मजदूरों में सीतामढ़ी जिला के कुल 22 एवं नेपाल के 8 मजदूर शामिल है। मुक्त होने के बाद मजदूरों एवं उनके परिवार में खुशी का माहौल है। रेस्क्यू के उपरांत इन मजदूरों के सुरक्षित घर सीतामढ़ी पुलिस एवं एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन ( बचपन बचाओ आंदोलन) की टीम के द्वारा पहुंचाया गया है । सीतामढ़ी पुलिस टीम में महिला थाना के बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी रश्मि कुमारी, भिट्ठा थाना के पीएसआई कुश कुमार एवं सिपाही पूजा कुमारी शामिल थे । वही एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन ( बचपन बचाओ आंदोलन) के वरिष्ठ स. प्रोजेक्ट अधिकारी मुकुंद कुमार चौधरी ने जब डीएम रिची पांडेय को मजदूरों को आगमन की जानकारी दी तो डीएम के निर्देश पर मुजफ्फरपुर से सीतामढ़ी में घर तक मजदूरों को पहुंचने हेतु श्रम संसाधन विभाग सीतामढ़ी की टीम भी मुजफ्फपुफ्फर मजदूरों का स्वागत करने पहुंची ।
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