महामारी से ज्यादा सड़क हादसे ने ली लोगों की जान
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण चारों ओर हाहाकर मचा था। लेकिन, जिले में इस महामारी से ज्यादा मौतें सड़क दुर्घटना में हुई हैं। बीते एक वर्ष में...
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण चारों ओर हाहाकर मचा था। लेकिन, जिले में इस महामारी से ज्यादा मौतें सड़क दुर्घटना में हुई हैं। बीते एक वर्ष में जिले के अलग-अलग स्थानों पर हुई सड़क हादसे में 111 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। जबकि, कोरोना संक्रमण से जिले में 11 मौतें हुई है। सड़क सुरक्षा माह का अभियान चला रहा जिला प्रशासन कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर सजग तो दिखा मगर सड़क हादसों की तस्वीर ने सड़क सुरक्षा अभियान की पोल खोल दी है। इस वर्ष भी जिले में जिले में सड़क सुरक्षा माह के तहत तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। मगर, सड़क दुर्घटना के रोकथाम के लिए अब तक कारगर कदम नहीं उठाया गया है। सड़क हादसे का यह आंकड़ा इसका जीता-जागता प्रमाण है। सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में ब्लैक स्पॉट चिह्नित कर सुरक्षा उपाय किये जाने को लेकर कई निर्देश दिये गये। मगर, निर्देशों को अमलीजामा नहीं पहनाया गया। इसके कारण जिले में दिन प्रतिदिन सड़क हादसे में इजाफा हो रहा है।
तीन माह में सड़क दुर्घटना में सर्वाधिक हुई मौतें
यूं तो जिले में बीते साल का हर महीना सड़क हादसे का गवाह बना है। मगर, साल के अंत के तीन महीने में सड़क हादसे के आंकड़े को तेजी बढ़ा दिया है। पूरे साल की तुलना में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं बीते वर्ष के अक्टूबर, नवंबर व दिसंबर महीने में हुई हैं। इन तीन महीनों में करीब 45 सड़क दुर्घटना हुई हैं। इसमें 41 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। जबकि, 19 लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गये।
इन जगहों पर हुई सर्वाधिक सड़क दुर्घटना
रीगा, बथनाहा, रुन्नीसैदपुर के अलावा शहर व डुमरा में सर्वाधिक घटनाएं हुई है। बीते वर्ष के नवंबर माह से लेकर अबतक बथनाहा में आठ, रीगा में चार, रुन्नीसैदपुर में चार, चोरौत में दो घटनाएं हुई। इसके अलावा डुमरा के लगमा, बाजीतपुर, कांटा चौक, कमलदह आदि स्थान पर सड़क दुर्घटना में लोगों की जान गयी है। जबकि, कई घटनाएं आपसी समझौत से ही सलटा दिया गया। इसके कारण पुलिस के रिकॉर्ड में घटना अंकित नही हो सका।
परिवहन नियमों की खुल्लेआम उड़ती धज्जियां
जिले में हुई अधिकांश सड़क हादसे की घटना में परिवहन नियमों की अनदेखी करने से हुई है। इन घटनाओं के बाद भी जिले में परिवहन नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ायी जाती है। हालांकि, परिवहन नियमों के पालन के लिए पुलिस और परिवहन विभाग लगातार अभियान चलाते हुए सड़कों पर दिखते है। बावजूद दंडित होने के बाद चालकों में सुधार नही हो रहा है।
सरपट सड़क पर बेलगाम हो रहे वाहन
जिले की अधिकांश सड़कों के चकाचक होने से चालकों ने वाहन की गति बढ़ा दी है। सड़कों पर वाहन बेलगाम रफ्तार में दौड़ती रहते हैं। इसके कारण अक्सर चालक संतुलन खो देते हैं। इस वजह से हादसे का शिकार वे खुद हो रहे हैं या सड़क पर चलने वाले लोगों को बेलगाम स्पीड की चपेट में ले रहे हैं।
जनवरी में भी सड़क हादसे में 10 मौतें
बीते वर्ष में बढ़े सड़क हादसे का सितम नये साल में भी जारी है। इस वर्ष के जनवरी महीने के 18 दिनों में अब तक आठ लोगों की मौत सड़क हादसे में हुई है। सदर अस्पताल से मिले आंकड़े के अनुसार, बथनाहा थाना क्षेत्र के अलावा जिले के कई स्थानों पर हुई सड़क हादसे में मरे आठ लोगों का पोस्टमार्टम पुलिस की ओर से कराया गया है। वहीं करीब दो लोगों की मौत इलाज के दौरान मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में हुई। वहीं पर शव का पोस्टमार्टम हुआ। हालांकि, जनवरी महीने में हुई अधिकांश दुर्घटना घने कुहासे में तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने के कारण हुई है। कुहासे के कारण दो बस व कई ऑटो हादसे का शिकार हुए हैं। हालांकि, इन दुर्घटनाओं में जानमाल की क्षति नहीं हुई है। जानकारी के अनुसार ऑटो के पलट जाने से करीब 10 अधिक सवारी गंभीर रूप से जख्मी हो गये।
बोले अधिकारी
परिवहन नियमों के पालन नही करने के कारण सड़क हादसे हो रहे है। लोगों को जागरुक कर परिवहन नियमों के पालन करने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। समय-समय पर अभियान चलाकर जुर्माना भी वसूल किया जाता है। लोगों को जागरूक करने के लिए एक माह का जागरुकता अभियाना चलाया जा रहा है।
-एसएन मिश्रा, एमवीआई।
सभी थानों को अवेयरनेस प्रोग्राम चलाने का निर्देश दिया गया है। लोगों में जागरुकता की कमी होने के कारण इस तरह की दुर्घटनाएं होती हैं। ब्लैक स्पॉट चिह्नित कर सुरक्षा उपाय किये जा रहे हैं। पुलिस की ओर से लगातार वाहन चेकिंग अभियान चलाकर यातायात के नियमों का पालन नहीं करने वालों दंडित भी किया जा रहा है।
- अनिल कुमार, एसपी।
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