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मिश्रित खेती कर किसान कर रहे दोहरी आमदनी

सीतामढ़ी जिले के किसान अब मिश्रित खेती की ओर बढ़ रहे हैं। मक्का के साथ सब्जियों की खेती कर किसान बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं। गोभी, आलू और धनिया जैसी सब्जियों की मांग बढ़ रही है। कृषि विज्ञान केंद्र के...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीतामढ़ीSun, 23 Feb 2025 01:10 AM
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मिश्रित खेती कर किसान कर रहे दोहरी आमदनी

सीतामढ़ी। जिले के किसानों का अब मिश्रित खेती की ओर रूझान बढ़ रहा है। दोहरी खेती से ज्यादा मुनाफा हो रहा है। मक्के के खेत में अब सब्जी की खेती खूब फल-फूल रही है। बताया जाता है कि जिले में मक्का के साथ आलू, गोभी, हरी मिर्च की खेती का ट्रेड तेजी से बढ़ रहा है। साथ ही मक्का के फसल के साथ धनिया की खेती भी किसानों को भाने लगा है। किसानों का कहना है कि अगर ढंग से मिश्रित फसल की खेती की जाए तो फसलों से बेहतर मुनाफा मिलती है। वहीं, आमतौर पर गोभी और धनिया फसलों की मार्केट की डिमांड भी बढ़ती जा रही है। दोहरी खेती का सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि मक्का फसल के लिए खेतों में डाली गई उर्वरक व सिंचाई से ही उसे खेत में लगी गोभी, धनिया के फसलों का भी सिंचाई हो जाता है।

क्या कहते हैं किसान : जिले के किसान अनुभव सिंह, बबलू सिंह, राकेश कुमार, मुकेश यादव, हरिशंकर मंडल, अजय मंडल, किशोर भगत ने बताया कि पहले वह लोग अपने खेतों में परंपरागत खेती गेहूं, मक्का व धान की फसल लगाते थे। जो घाटे का सौदा साबित हो रहा था। लेकिन अब खेती का ट्रेंड बदल दिया है। अब दोहरी फसल के साथ खेती करते हैं। मकई के फसल के बीच में आलू, गोभी व धनिया की खेती करते हैं। जिससे दोहरा मुनाफा मिलता है। व्यापारी भी उनके खेत पर पहुंचकर ताजी सब्जी ले जाते है। क्योंकि लोग ताजी सब्जी बहुत पसंद करते है। किसानों ने बताया कि नवंबर- दिसंबर माह में लोग अपने खेतों में मक्के की बुआई करते है। यही समय गोभी व धनिया भी लगाने का है। मक्का तैयार होने में समय लगता है। उस दौरान मक्का फसल के साथ क्यारी में लगे आलू, गोभी एवं धनिया जैसे मौसमी सब्जी का उत्पादन हो जाता है। वही कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय व प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रामेश्वर प्रसाद ने बताया कि जिले की जमीन कृषि योग उपजाऊ जमीन है। खेती का यह नया ट्रेंड शुभ संकेत है। बताया कि किसानों को ट्रेनिंग के साथ ही कृषि कार्य के लिए उपकरणों पर सब्सिडी भी सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है।

यहां हो रही दोहरी खेती

जिले के डुमरा, रुन्नीसैदपुर, बेलसंड, परसौनी, रीगा, सोनबरसा, बथनाहा, बाजपट्टी, पुपरी प्रखंडों के कई पंचायतों में किसान दोहरी फसल की खेती कर रहे है। यहां किसान मक्का के साथ सब्जी की मिश्रित खेती हो रही है। दोहरी फसल की खेती अब गांवों के करीब 25 फीसदी रकवा में किसान कर रहे है।

मिश्रित खेती है नकद आमदनी :

किसान संजय सिंह, मनोज कुमार, विकास दास, अरुण सिंह ने बताया कि मिश्रित खेती करने से नगद आमदनी होती है। मिश्रित खेती नगदी खेती की तरह है। मक्का के साथ मौसमी सब्जी करना मुनाफा देती है। एक एकड़ मक्के की खेत में लगे गोभी से 25 से 30 हजार रुपए आसानी से मुनाफा हो जाता है। बाजार के भाव ठीक-ठाक रहने पर मक्के फसल से किसानों को खासा मुनाफा हो जाता है। बताया कि मौसमी सब्जी को बेचने में कोई कठिनाई नहीं होती है। व्यापारी भी उनके खेत तक पहुंच जाते है। खेत पर से ही ताजी सब्जी ले जाते है। व्यापारी खेत में ही किसानों को पैसा भी दे देते है। इसलिए किसान इस मिश्रित खेती की ओर आकर्षित हो रहे है।

किसानों को मिश्रित खेती के लिए विभाग प्रोत्साहित भी करती है। किसानों को अनुदानित खाद एवं बीज उपलब्ध कराया जाता है। जिले में दो हजार हेक्टेयर से अधिक में मिश्रित खेती किसानों द्वारा की जा रही है।

- ब्रजेश कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी

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