पछुआ हवा से गेहूं व आम के मंजर को हो सकती है क्षति
पुपरी में मौसम में बदलाव के कारण गेहूं की फसल को नुकसान की आशंका बढ़ गई है। कृषि विज्ञान केन्द्र के विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि तेज पछुआ हवा के दौरान सिंचाई न करें। इससे फसल गिरने और...

पुपरी। मौसम बदल रहा है। बीते दो दिनों से तेज पछुआ हवा चल रही है। इससे गेहूं के फसल को क्षति पहुंचने की आशंका बढ़ने लगी है। यही स्थिति रही तो गेहूं की बाली में दाने सुख सकते हैं। इससे उत्पादन पर असर पड़ेगा। ऐसे में कृषि विज्ञान केन्द्र सीतामढ़ी के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ. राम ईश्वर प्रसाद ने किसानों को गेहूं के फसल को बचाने का सलाह दिया है। उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों से चल रहे पछुआ हवा के कारण किसानों को सावधानी रखने की जरूरत है। जो किसान गेहूं में दूसरे सिंचाई की योजना बना रहे हैं वे अभी सिंचाई नहीं कराएं। तेज हवा के कारण सिंचाई करते हीं गेहूं की फसल खेत में गिर सकता है। फसल धराशायी होने हीं गेहूं और बाली में दाने सुख जाएंगे। इससे गेहूं का उत्पादन ज्यादा प्रभावित होगा। केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक ने कहा है कि पछुआ हवा चलने से दाना भी चपटा होने की सम्भावना है। इससे बचने के लिए किसान दूसरा पटवन नहीं कराकर गेहूं की फसल में पोटेशियम नाइट्रेट 10 ग्राम ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से घोल तैयार कर लें। इसे पूरे फसल पर बेहतर ढंग से छिड़काव कर दें। इससे गेहूं का दाना सूखने और चपता होने से बच जाएगा और दाना सुडोल भी होगा।
आम के मंजर को भी बचाने की जरूरत
कृषि विज्ञान केन्द्र सीतामढ़ी के उद्यान वैज्ञानिक मनोहर पंजीकार ने बताया कि आम के बगीचे में अभी आम में मंजर निकलना शुरू हो चुका है। जिस पेड़ में मंजर निकलना शुरू हो गया हो लेकिन फूल नहीं निकला हो उसमें प्रति लीटर पानी में एक मिलि लीटर ईमिड़ाकलोरोप्रिड 17.8 एस एल एवं एक ग्राम बेविस्टिन का घोल तैयार कर मंजर पर छिड़काव कर दें। ऐसा करने से मंजर में फूल निकल जाएगा और इस विधि से मधुआ के संक्रमण से भी बचाया जा सकता है।
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