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सीमावर्ती क्षेत्रों में चल रहीं नशे की चलंत दुकानें,प्रशासन बेखबर

सीतामढ़ी के सीमावर्ती क्षेत्रों में नशे की दुकानें खुल गई हैं, जहाँ कफ सिरप और नशीली दवाएं बेची जा रही हैं। प्रशासन की कार्रवाई के बावजूद, युवा इन दवाओं के शिकार हो रहे हैं। झारखंड, यूपी, बंगाल और...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीतामढ़ीTue, 26 Nov 2024 02:36 AM
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सीतामढ़ी। तमाम सख्ती के बावजूद सीमावर्ती क्षेत्रों में नशे की चलंत दुकानें शुरू हो गई हैं। इन इलाकों में दवा दुकानों के अलावा किराना दुकान, मोबाइल दुकान, पंक्चर दुकान व इलेक्ट्रिक दुकानों के अलावा फल व सब्जी की आड़ में नशे के सौदागर प्रतिबंधित कफ सिरप व नशीली दवाएं बेच रहे हैं। इसका सर्वाधिक खामियाजा सीमावर्ती क्षेत्र में दोनों देश के युवा भुगत रहे हैं। नशेड़ियों के लिए यह इलाका सुरक्षित ठिकाना है। इस धंधे से जुड़े लोगों का कहना है कि भारतीय बाजार से नशे की टैबलेट, कोडिन युक्त कफ सिरप और नशीली इंजेक्शन की तस्करी हो रही है। सीतामढ़ी का सीमावर्ती बाजार सोनबरसा, बैरगनिया, भिट्ठामोड़, मेजरगंज और परिहार के अलावा रक्सौल और मधुबनी के भी सीमाई इलाकों में नशीली दवाओं की तस्करी जारी है। प्रसाशन की ओर से लगातार कार्रवाई भी होती है। सीतामढ़ी में पुलिस, एसएसबी और औषधि विभाग के अधिकारियों ने सीमाई इलाकों में छापेमारी कर किराना दुकान, पंक्चर दुकान व इलेक्ट्रिक दुकानों के अलावा कई घरों से भारी मात्रा में नशीली दवा बरामद कर धंधे में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया है।

आठ रुपये का इंजेक्शन 50 रुपये में लेते हैं नशेड़ी : सोनबरसा बाजार के कुछ दुकानदारों की मानें तो नशे के सौदागर नशेड़ियों को वीआईपी सुविधा उपलब्ध कराते हैं। दुकानदारों ने बताया कि सात से आठ रुपये में मिलनेवाली नशा युक्त इंजेक्शन बाजार में 50 से 60 रुपये में मिलते हैं। पहले यह धंधा दवा दुकानों तक सीमित था। मगर, युवाओं में नशे का प्रचलन के बाद राह चलती दुकानों की आड़ में भी आसानी से उपलब्ध करायी जाती है।

जिले में बढ़ी सख्ती तो अन्य राज्यों से पहुंच रही दवा : जिला दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने बताया कि होलसेलर और रिटेलर को बिक्री के लिए निर्धारित मात्रा में ही कोडिन युक्त कफ सिरप, टैबलेट व इंजेक्शन उपलब्ध करायी जाती है। इसे डॉक्टर की पर्ची पर ही दिया जाता है। होलसेलर व रिटेलर दवा दुकानों की नियमित स्टॉक और सेल पंजी की जांच होती है। उन्होंने बताया कि इसके बावजूद सीमावर्ती इलाकों में नशीली दवा का धंधा हो रहा है। सीमावर्ती क्षेत्रों में झारखंड, यूपी, बंगाल और महाराष्ट्र से दवाएं भेजी जा रही हैं, जो स्थानीय तस्करों के माध्यम से सीमावर्ती इलाकों के अलावा नेपाल भेजी जा रही है।

युवाओं की बिगड़ रही सेहत : सुरसंड सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रामकिशोर सिंह ने बताया कि बाजार में नशीली दवाएं सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं। इन दवाओं से युवाओं की सेहत बिगड़ रही है। उन्हें यह नही पता कि नशीली दवा, इजेक्शन और कोडिन युक्त कफ सिरप की अत्याधिक मात्रा में सेवन करने का क्या दुष्प्रभाव है। इसके लगातार सेवन से किडनी, लीवर, फेफड़ा, तंत्रिका तंत्र खराब होने के साथ शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रतिकूल असर पड़ता है।

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