लॉकडाउन में दूध उत्पादकों पर दोहरी मार
कोरोना संक्रमण के दौर में दुग्ध उत्पादक की माली हालत खराब होती जा रही है।
कोरोना संक्रमण के दौर में दुग्ध उत्पादक की माली हालत खराब होती जा रही है। बाजार में दुग्ध की डिमांड कम होने से परेशानी बढ़ गई है। इधर, शादी विवाह के अवसरों पर मेहमानों की उपस्थिति भी नहीं हो रही है। मिठाई दुकान, चाय नाश्ता की दुकान, होटल, रेस्टोरेंट बंद है। जिससे दूध नहीं बिक रहे है। बेलसंड के दूध उत्पादक महेश राय, नागेश्वर राय, विश्वनाथ राय ने बताया कि दूध की कीमत में अंतर नहीं हुआ है परंतु मांग घट गई है। सुधा डेयरी के जिला प्रभारी केदार कुमार ने बताया कि जिले में करीब साठ हजार दूध उत्पादक किसान हैं। प्रतिदिन दो हजार क्विंटल दूध उत्पादन करते हैं। प्रतिदिन खपत में 40 फीसदी की गिरावट आई है। पुशापालन मुश्किल हो गया है।
पुपरी में कोरोना संकट के इस दौर में दुग्ध उत्पादकों की माली हालत ठीक नहीं है। शादी-विवाह में बरातियों की संख्या कम हो गई है। जिसके कारण दूध की मांग 50 फीसदी से भी कम हो गई है। गांव देहात में भी पहले की तरह दूध नहीं बिक रहा है। दूध बिक्रेता जोगी राय, सिया राय ने बताया कि मिठाई की दुकानें, होटल, भोज बंद है। इसलिए दूध की बिक्री घट गई है। पहले जो दो लीटर लेता था अब एक लीटर ले रहा है। रामसंजीवन राय ने बताया कि पहले गांवों में दूध 40 रुपये प्रतिंलीटर तक बिक जाता था। लोगों को आय घट गया है इसलिए अब 30 रुपये बेच रहा हूं। किशोर ने बताया कि दूध नहीं बिकने पर दही बनाकर बेच रहा हू्ं। दूध बिक्रेताओं ने बताया कि कोरोना व लॉकडाउन में हमलोग किसी तरह परिवार चला रहे हैं।
सुरसंड में लॉकडाऊन का प्रभाव ग्रामीण क्षेत्र में वैसे भी कम देखा जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में लोगों का सामान्य काम चलने में कोई परेशानी नहीं हो रही है। गांव में भैंस-गाय रखने वाले लोग अपना दुध गांव में ही बेच दे रहे हैं। जबकि होटलों के बंद रहने से वैसे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।जो होटल में दुध पहुंचाते थे। हांलांकि होटलों के बंद रहने से ग्रामीण क्षेत्र में दुध के दाम पर कोई असर नहीं पड़ा है। गांव में फिलहाल दुध 40-42 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। दुध मिलने में कोई परेशानी भी नहीं देखी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को एक फायदा यह मिल रहा है कि लॉकडाउन से पूर्व जहां उन्हें काफी खोजने पर दुध मिलती थी। वहीं लॉकडाउन के दौरान होटलों के बंद रहने से सहजता से यह उपलब्ध हो जा रहा है। इन दिनों शादी-विवाह वालों को किसान दूध दे रहे हैं।
सोनबरसा में कोरोना संकट में लॉकडाउन से सीमावर्ती दोनों देश के विभिन्न क्षेत्रों का बाजार बीते 24 दिनों से पूर्णत: बंद है। इससे होटल, मिठाई बिक्रेताओं की दुकान बंद है। बाजार में दूध की मांग की मांग घट गई है। बसतपुर, रोहुआ, कोहबरवा, भुतही, फुलकहा, कचोर, मटियार, सुपैना, लोहखर गांव के पशुपालक चिंतित है। दुग्ध उत्पादक कम दर पर उधार दुग्ध बेचने को विवश है। इससे पशुओ का चारा-दाना जुटाना मुश्किल हो गया है। बालुशाही बिक्रेता बिकाऊ साह, नवलसाह, लक्ष्मीसाह, पिन्टू साह का कहना है कि बाजार के दो दर्जन से अधिक मिठाई दुकानदारों के बीच प्रतिदिन 50 क्विंटल अधिक दूध की मांग थी। सुपैना के भेंडर संजय ने बताया कि बॉर्डर सील रहने से भी दुग्ध के व्यवसाय पर प्रभाव पड़ा है।
मवेशी का चारा जुटाने भी हो रही परेशानी
सीतामढ़ी जिले में जारी लॉकडाउन के कारण सभी होटल व रेस्तरां बंद पड़े है। शादी-विवाह में भी कम लोग पहुंच रहे है। ऐसे में दुग्ध उत्पादकों की परेशानी बढ़ गई है। दुग्ध की मांग घटने से ग्राहक खोजना पड़ रहा है। डुमरा के किसान भोला महतो ने बताया कि दूध बेचने के लिए अनुरोध करना पड़ा है। इसके बावजूद भी टंकी वाला दूध लेने से इंकार कर रहा है।
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