ईद की खुशियों पर कोरोना का साया, घरों में ही पर्व की तैयारी
रमजान का बरकतों वाला मुबारक महीना बस खत्म होने ही वाला है। अलविदा हो चुकी है और अब ईद उल फितर आने ही वाली है। ईद का त्योहार चांद देख कर ही तय होगा।...
सीतामढ़ी | हिन्दुस्तान संवाददाता
रमजान का बरकतों वाला मुबारक महीना बस खत्म होने ही वाला है। अलविदा हो चुकी है और अब ईद उल फितर आने ही वाली है। ईद का त्योहार चांद देख कर ही तय होगा। 13 मई को चांद नजर आया तो ईद 14 मई को होगी। नगर स्थित मुरलिया चक के मस्जिद के मौलाना अस्लमुल कादरी फरमाते हैं कि जिस शख्स ने पूरे रमजान भर खुदा की रजा हासिल करने के लिए सभी अरकान पूरा किया हो उसे ईद के दिन पैगम्बर-ए-इस्लाम सलल्लाहो अलैहेवसल्लम के वसीले से इनाम मिलता है। अल्लाह खुद ही इबादत की तौफीक देता है और फिर सवाब इनायत करता है। रमजान की 29वीं रात यानी 12 मई इबादत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जिले के मुसलमान इस पर्व को बड़े जोश व उत्साह से मनाते रहे हैं। लेकिन पिछले साल की तरह इस साल भी त्यौहार की खुशियों पर कोरोना का साया पड़ा है। जिले में बढ़ते संक्रमण की वजह से इस साल न तो ईदगाह में नमाज अदा होगी और न ही मस्जिदों में जमावड़ा। मुस्लिम धर्म गुरुओं ने सोशल डिस्टेंस व सरकारी गाइडलाइन का पालन करते हुए नमाज अदा करने का आह्वान किया है। साथ ही गले मिलने, हाथ मिलाने से बचने की अपील की है।
बाजार बंद होने से फीका रहा त्योहार
पांच मई से पूर्व ईद को लेकर जमकर खरीदारी की गई। शहर के अलावा पुपरी व बेलसंड अनुमंडल में कपड़ों व रेडीमेड की दुकानों में भीड़ देखने लायक थी। लेकिन लॉकडाउन के लगते ही बाजार में सन्नाटा छा गया। सुबह छह से 11 बजे तक दुकानें खुली रहने से लोगो को राहत मिली। सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ाते हए दुकानों में खरीदारी हुई। उधर, सुप्पी में ईद पर्व को लेकर मुस्लिम लोगों द्वारा द्वारा प्रखंड क्षेत्र के बाजारों मे कोरोना गाइडलाइन की अनदेखी कर खरीददारी की जा रही है। जिस कारण यहां प्रखंड क्षेत्र मे कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा उत्पन्न हो गया है। लोगों ने बड़हरवा, ढेंग, मनियारी, अख्ता मंडल के बाजारों पर ईद पर्व को लेकर किराना, कपड़ा, सेवई, फलों की दुकानों में खरीदारी की।
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