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तनावमुक्त जीवन जीने की कला व संस्कार परिवर्तन सिख रहे बंदी

सीतामढ़ी के प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की बहनें वर्ष 2024 से जेल में बंदियों को तनाव मुक्त जीवन जीने की कला और संस्कार परिवर्तन का गुण सिखा रही हैं। योग और ध्यान के माध्यम से 14...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीतामढ़ीTue, 7 Jan 2025 11:06 PM
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सीतामढ़ी। प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की स्थानीय राजयोग प्रशिक्षण केंद्र की बहनें जेल में वर्ष 2024 से बंदियों को तनाव मुक्त जीवन जीने की कला व संस्कार परिवर्तन का गुण सिखा रही है। कारा प्रशासन के मुताबिक योग ध्यान कराए जाने से बंदियों के आचरण में बदलाव दिखा है। प्रत्येक रविवार को संस्था की बहने सुबह 07 से 08 बजे तक योग सिखाती हैं। कारा के प्रांगण तो कभी हॉल में एक साथ करीब सौ बंदियों को ध्यान एवं योग सिखाया जा रहा है। बंदियों को तनाव मुक्त जीवन जीने की कला को समझाते हुए राजयोग प्रशिक्षण केंद्र की प्रभारी वंदना बहन ने कहा कि व्यक्ति जन्म से अपराधी नहीं होता। जब वह इस संसार में आता है तो गलत संगत, लोभ, लालच, क्रोध, तनाव या विपरीत परिस्थितियां उसे अपराधी बनाती है। व्यक्ति अपने कर्मों से कहीं भी भाग नहीं सकता है। किए हुए कर्मों का फल खुद को भोगना पड़ता है। जीवन में हर ख्वाहिश पूरी नहीं होती है। इस पर अपना अधिकार समझते हैं, दुख उसी से मिलता है। उन्होंने कहा कि आज दुख और तनाव का कारण हमारे विचार है। मेडिटेशन के जरिए विचारों में बदलाव लाकर हम अपने जीवन को बदल सकते हैं।

- जेल को बंदी गृह नहीं, बल्कि सुधार गृह समझे:

प्रशिक्षण केंद्र की बीके रेणु बहन ने संस्कार परिवर्तन के बारे में कहा कि जेल को बंदी गृह नहीं, बल्कि सुधार गृह समझे। कर्मों के आधार पर ही यह संसार चलता है। अपने ही किये हुए कर्मों से व्यक्ति महान या कंगाल भी बनता है। अपने कर्मों में परिवर्तन लाने से हम अपराध मुक्त बनते हैं। उन्होंने बताया कि व्यक्ति जन्म से अपराधी नही होता। जीवन की कुछ समस्या पिछले जन्मों के गलत कर्मों से आती है। उन्होंने कहा कि सोच बदलेगी तो जीवन बदलेगा। मेडिटेशन से सोच में सकारात्मक बदलाव आता है। उन्होंने कहा कि कारा गृह आपके जीवन में परिवर्तन लाने के लिए तपोस्थली है।

- सीतामढ़ी जेल के 14 सौ बंदी कर रहे ध्यान व योग:

बीके आमोद भाई ने बताया कि कारा प्रशासन के सहयोग से वर्ष 2024 से लगातार बंदियों को प्रत्येक रविवार को तनाव मुक्त जीवन जीने की कला एवं ध्यान योग सिखाया जा रहा है। जेल में करीब 14 सौ से अधिक बंदियों को योग के माध्यम से मौजूदा वातावरण एवं जीवन शैली में स्वयं को शांत व तनाव मुक्त रखते हुए कला सिखाई जा रही है। इस कार्यक्रम में शिवहर सेवा केंद्र की बीके भारती बहन, सीतामढ़ी के ज्योति, महिमा, खुशबू, बिंदु, तारा, विनीता, शोभा बहन ने योग का पाठ पढ़ाया।

- संस्था का प्रयास सराहनीय:

कारा अधीक्षक मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि ब्रह्मा कुमारी संस्था ने बंदियों के लिए जो प्रयास किया है, वह बहुत ही सराहनीय है। संस्था ने तनाव मुक्त जीवन जीने की कला सिखाने के अतिरिक्त रक्षाबंधन में सैकड़ों बंदियों को राखी बांध कर मिठाई खिलाती हैं। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में कारा उपाधीक्षक राम विलास दास, सहायक अधीक्षक प्रीति कुमारी का सहयोग है।

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