Hindi Newsबिहार न्यूज़सीतामढ़ीAmba Kala Referral Hospital not built even in 28 years

28 साल में भी नहीं बना अम्बा कला रेफरल अस्पताल

वर्तमान कोरोना काल में स्वास्थ्य के ख्याल से अस्पताल की महत्ता व मांग काफी बढ़ गई है। इसके बाद भी स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए विशेष पहल नहीं...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीतामढ़ीMon, 17 May 2021 04:41 PM
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पिपराह | एक संवाददाता

वर्तमान कोरोना काल में स्वास्थ्य के ख्याल से अस्पताल की महत्ता व मांग काफी बढ़ गई है। इसके बाद भी स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए विशेष पहल नहीं हो रहा है। प्रखंड के अम्बा में निर्माणाधीन रेफरल अस्पताल क्षेत्र के लोगों के लिए सपना बनकर रह गया है। क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति तथा लोगों की स्वास्थ्य सुविधा को देखते हुए अम्बा में रेफरल अस्पताल निर्माण की प्रक्रिया करीब 28 वर्ष पूर्व शुरू हुई थी। पूर्व मंत्री व तत्कालीन स्थानीय विधायक रघुनाथ झा ने पहल कर यहां रेफरल अस्पताल स्थापित कराने का प्रयास किया। उन्होंने अपने भाई स्व. बैद्यनाथ झा से रेफरल अस्पताल के लिए दो एकड़ भूमि दान में दिलाई। तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सुधा श्रीवास्तव द्वारा वर्ष 1993 में रेफरल अस्पताल का शिलान्यास किया गया। रेफरल अस्पताल भवन का निर्माण कार्य शुरू होते देख क्षेत्र के लोगों में काफी खुशी छा गई। अस्पताल भवन का निर्माण कार्य नींव तक काफी जोर-शोर से हुआ। लेकिन नींव बाद निर्माण कार्य जो रुका तो आज तक यथावत स्थिति में है। निर्माणाधीन रेफरल अस्पताल स्थल अभी वीरान पड़ा है। जहां अस्पताल होना चाहिए था, वहां आज जंगल व घास-पात उगे हुए हैं। स्टेट हाईवे संख्या 54 के पिपराही बेलवा घाट पथ में जियालाल कलावती उच्च विद्यालय तथा केन्द्रीय विद्यालय से दक्षिण-पश्चिम स्थित निर्माणाधीन रेफरल अस्पताल निर्माणकर्ता की बाट जोह रहा है। इस अस्पताल के स्थापना की बात पिपराही प्रखंड के अलावा आसपास के क्षेत्रों के लोगों को लेकर सोची गई थी। लेकिन वह अब तक अधूरा पड़ा है। रेफरल अस्पताल के निर्माण को लेकर क्षेत्र से लेकर विधानसभा तक लगातार आवाजें उठती रही लेकिन निर्माण कार्य शुरू न हो सका। वर्ष 2008 में सरकार द्वारा इसके निर्माण के लिए राशि उपलब्ध करायी गई। लेकिन प्रशासनिक उपेक्षा के चलते राशि वापस लौट गई। भूमिदाता ने जिस आशा से जमीन दान में दिया था। उनकी आशा आज तक पूरा नहीं हो सका। अस्पताल भवन निर्माण अटके रहने से क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है।

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