मुजफ्फरपुर में मालगाड़ियों की मरम्मत में घोटाला, निजी एजेंसी ने 2.62 करोड़ का बनाया बिल, अब CBI खोलेगी परतें
मुजफ्फरपुर के रेलवे मेटेंनेंस डिपो में मालगाड़ियों की मरम्मत के नाम पर करोड़ों के घपले का मामला सामने आया है। रेलवे की सामग्रियों का ही इस्तेमाल कर निजी एजेंसी ने 2.62 करोड़ का बिल का बना दिया। सीबीआई की छापेमारी में इस बात का खुलासा हुआ है।

मुजफ्फरपुर के नारायणपुर अनंत और बरौनी के गड़हारा में बने रेलवे मेटेंनेंस डिपो में मालगाड़ियों की मरम्मत के नाम पर करोड़ों के फजीवाड़े का मामला सामने आया है। रेलवे की सामग्रियों और कर्मचारियों का इस्तेमाल करते हुए निजी एजेंसी मनमाना बिल देकर वसूली कर रही है। सीबीआई पटना और रेलवे के सतर्कता विभाग की संयुक्त जांच में इसका खुलासा हुआ है। जांच के दौरान रेलवे के संसाधनों का इस्तेमाल कर निजी एजेंसी द्वारा 2.62 करोड़ का बिल बनाए जाने की जानकारी मिली। इस मामले में सीबीआई प्राथमिकी दर्ज कर छानबीन में जुटी है।
मिली जानकारी के मुताबिक देश भर में चलने वाली मालगाड़ियों के रखरखाव को लेकर बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित नारायणपुर अनंत और बरौनी के गड़हारा में मेंटेनेंस डिपो बना है। यहां अनलोडिंग के बाद सभी मालगाड़ियों को यहीं से 10 से 12 दिन के अंदर ब्रेक पावर सर्टिफिकेट अनिवार्य लेना होता है। मालगाड़ी के तमाम उपकरणों और बॉडी की जांच तथा मरम्मत के बाद यह सर्टिफिकेट दिया जाता है। इसके लिए रेलवे के कर्मी और संसाधन के साथ ही रांची की एक निजी एजेंसी को भी जोड़ा गया है।
जांच में पता चला कि निजी एजेंसी के द्वारा एग्रीमेंट के किसी भी नियम का पालन नहीं किया जा रहा। रेलवे को सिर्फ बिजली और लाइन साइडिंग उपलब्ध कराना होता है, लेकिन निजी एजेंसी इससे इतर रेलवे के तमाम संसाधनों का उपयोग करते हुए आवश्यकता से अधिक बिल बना कर उसका भुगतान ले रही है। डिपो अधिकारियों के द्वारा गलतियां दिखने के बावजूद एजेंसी पर कभी जुर्माना नहीं लगाया गया।