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पेंशनरों के लिए बने सरकारी कार्यालयों में अलग काउंटर

बोले सासाराम में पेंशनरों ने अपनी समस्याओं को उजागर किया। सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी कार्यालयों में काम में प्राथमिकता नहीं मिल रही है और पेंशनरों की...

Newswrap हिन्दुस्तान, सासारामThu, 6 March 2025 05:36 PM
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पेंशनरों के लिए बने सरकारी कार्यालयों में अलग काउंटर

बोले सासाराम- पेंशनरों के लिए बने सरकारी कार्यालयों में अलग काउंटर पेंशनर बुजुर्ग युवा पीढ़ी व समाज के लिए प्रेरणाश्रोत हैं। यही सरकारी कर्मचारी सेवानिवृति के बाद अपने सेवाकाल में रहे अनुभवों को समाज में देते हैं। जिनसे सीख लेकर समाज हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकता है। लेकिन, आज के आधुनिक युग में इन पेंशनरों को आदर सम्मान से वंचित कर दिया जा रहा है। अधिकांश जगहों पर इन पेंशनरों को अपनी समस्या को लेकर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पेंशनर समाज के लोगों का कहना है कि आधुनिक समय में अपनी सम्मान और प्रतिष्ठा बचाना भी मुश्किल हो रहा है।

बोले सासाराम के तहत संवाद के लिए उपस्थित हुए पेंशरों को दर्द उभर पड़ा। उनका कहना था कि सेवानिवृति के बाद से ही जीवन में परेशानी ही परेशानी है। बढ़ते उम्र के साथ बीमारियों के चपेट में आने से लेकर अपनों द्वारा प्रताड़ना से दर-दर के लिए ठोकरे खानी पड़ रही है। पेंशनरों का कहना है कि पहले पेंशनर समाज के लोगों को उचित स्थान मिलता था। प्राथमिकता के आधार पर सारे काम किया जाता थे और सरकार की सभी सुविधाएं दी जाती है। लेकिन, आज के आधुनिक युग में बहुत कुछ बदल गया है। ये कहते हैं कि पहले पेंशनरों की समस्याओं के समाधान के लिए जिला प्रशासन की ओर से अलग कोर्ट का आयोजन किया जाता था। जिसमें डीएम द्वारा पेंशनरों की समस्याएं और मामलों की सुनवाई कर उसे तत्काल निष्पादन करा दिया जाता था। लेकिन, पिछले 10 साल से ये कोर्ट और बैठके होने का सिलसिला बंद हो गया है। जिस कारण पेंशनरों से संबंधित किसी भी मामला का ससमय निष्पादन जल्द नहीं होता है।

कहना था कि आज के युवा पीढ़ी से भी कोई सहयोग नहीं मिलता है। सरकारी कार्यालय में कार्यरत अधिकांश युवा कर्मी द्वारा अच्छा व्यवहार किया जाता है। पेंशनरों का कहना है कि उन्हें अपने घर में सही से संरक्षण नहीं मिला पाता है। अपनों से भी सताया जाता है। उन्हें मानसिक पताड़ना तक झेलनी पड़ती है। बताया कि हमारे पेंशन तक को हड़प लिया जाता है। जिससे ये अपने ही घर छोड़ने पर मजबूर हो जाते हैं। ये चाहते है कि अपने पारिवारिक जीवन बेहतर करने के लिए सरकार को पेंशनर समाज के लोगों की मॉनिटरिंग करना चाहिए। साथ ही पंचायत या प्रखंड स्तर पर कैंप लगाकर सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाए। उनकी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर समाधान कराया जाए। साथ ही पेंशनरों के लिए प्रतिमाह नियमित रूप से कैंप के माध्यम से स्वास्थ्य जांच होनी चाहिए। ताकि जीवन के अंतिम पड़ाव में पहुंच चुके सभी पेंशनर समाज के लोगों को बेहतर जीवनयापन हो सके।

रेल सुविधाएं से लेकर बसों, मेट्रो यात्रा तक के किराये में मिले रियायत

पेंशनर्स समाज के लोगों को कहना है कि सरकार की अनदेखी के कारण उन्हें एक-दो नहीं, बल्कि कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। उन्हें मिलने वाली सरकारी सुविधाओं को अब धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है। जिसके पेंशनरों की परेशानी भी बढ़ने लगी है। पेंशनरों ने बताया कि सरकार द्वारा कई सेवाओं में कटौती की जा रही है। रेलवे में जो सुविधाएं और छूट मिल रही थी, उसे भी बंद कर दिया गया है। पहल रेलवे द्वारा पुरूष पेंशनर और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 40 प्रतिशत और महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत रेल किराया रियायत मिलती थी। लेकिन, अब इसे बंद कर दिया गया है। जिससे अंतिम समय में अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ गया है।

रेल, सरकारी व निजी बसों में उनके लिए आरक्षित सीट की व्यवस्था नहीं की गई है। जिस कारण यात्रा के दौरान सीट को लेकर तनाव बढ़ जाता है। ऐसे में पेंशनर समाज के लोगों का कहना है कि पहले की तरह ही रेलवे में सुविधाएं और छूट दी जाए। बंद हो चुकी सुविधा का तत्काल बहाल किया जाए। ट्रेनों से लेकर सरकारी व निजी बसों में भी उनके लिए सीट आक्षित की जाए। ताकि यात्रा के दौरान पेंशनरों को परेशानियों का सामना करना नहीं पड़े।

इसके अलावा पेंशनर्स समाज के लोगों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना में भी अनदेखी की जा रही है। आयुष्मान कार्ड में 70 साल पार वाले बुजुर्गों को ही शामिल किया गया। जो सहीं नहीं है। इस योजना का लाभ 60 वर्ष के हरेक बुजुर्गें को दिया जाए। कहना है कि आयुष्मान कार्ड से सिर्फ बड़ी बीमारी का इलाज होता है। जो सही नहीं है। इस योजना के अंतर्गत पेंशनरों की सभी बीमारियों का उपचार होना चाहिए। जिससे चिकित्सा सेवा को लेकर पेंशनरों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।

शिकायतें-

1. पेंशनरों को किसी भी सरकारी कार्यालय में प्राथमिकता के आधार पर काम नहीं किया जाता है। जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

2. सरकारी योजनाओं के लिए कभी भी प्रखंड या पंचायत स्तर पर विशेष कैंप का आयोजन नहीं किया जाता है। जिससे अधिकांश पेंशनर सुविधाओं से वंचित रह जाते है.।

3. जिला प्रशासन द्वारा कभी भी पेंशनर की समस्याओं का निदान के लिए बैठकें या कोर्ट नहीं लगायी जाती है। जिस कारण ससमय मामले का निष्पादन नहीं हो पाता है।

4. आयुष्मान कार्ड से सिर्फ बड़ी और गंभीर बीमारी का इलाज होता है। इससे छोटी बीमार का इलाज नहीं होने से पेंशनर को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

सुझाव

1. सभी सरकारी कार्यालयों में प्राथमिकता के आधार पर काम और मामलों का निपटरा किया जाए। ताकि पेंशनर को परेशानियों का सामना करना नहीं पड़े।

2. प्रखंड या पंचायत स्तर पर विशेष कैंप का आयोजन किया जाए। कैंप के माध्यम से उन्हें सरकारी सुविधओं का लाभ दिया जाए।

3. पेंशनर की समस्याओं का निदान के लिए जिला प्रशासन द्वारा सप्ताहिक व मासिक बैठक करना चाहिए। साथ ही कोर्ट के माध्यम से समस्या का समाधान किया जाए।

4. आयुष्मान कार्ड के माध्यम से गंभीर बीमारी से लेकर छोटी बीमारी तक का इलाज कराने की सुवधिा उपलब्ध कराया जाए।

5. रेलवे से लेकर बसों, बैंकों और अस्पतालों में अलग से काउंटर की व्यवस्था होना चाहिए। ताकि उन्हं परेशानियों का सामना करना नहीं पड़े।

बोले पेंशनर

जिस उद्देश्य से सरकार द्वारा पेंशनर समाज की स्थापना की गई है। उस उद्देश्य के नियमों को हर जगह कड़ाई से पालना कराना चाहिए। ताकि पेंशनर को किसी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।

- राम कुमारी

सरकार द्वारा रेल किराये में मिलने वाली छूट को बंद कर दिया गया है। इसे फिर से बहाल करना चाहिए। ताकि पेंशनर को रेल यात्रा को लेकर परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।

- लक्ष्मण चौबे

आयुष्मान कार्ड के लिए 70 वर्ष आयु का नियम गलत है। इस नियम को बदल कर 60 वर्ष से शुरू करना चाहिए। ताकि सेवानिवृत होने वाले सभी लोगों को आयुष्मान कार्ड का लाभ मिल सके।

- विरेन्द्र कुमार राय

पेंशनर को घर से लेकर बाहर तक शोषण और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिला प्रशासन को पेंशनर की मॉनिटरिंग करना चाहिए। ताकि पेंशनर की परेशानी कम हो सके।

- श्रीराम तिवारी।

पेंशनरों की समस्याओं का निदान के लिए पहले डीएम द्वारा कोर्ट लगाया जाता था। उसे फिर से चालू करना चाहिए। ताकि पेंशनर को ससमय न्याय मिल सके।

- मो इरफान खान।

बैंकों में पेंशन भुगतान को लेकर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में बैंकों में सुधार कराने की जरूरत है। ताकि पेंशनर को हो रही परेशानियों को समाधान हो सके।

- काशीनाथ पाण्डेय।

भारत स्वास्थ्य योजना में सभी उम्र के वरिष्ठ नागरिकों और पेंशनर को शामिल करना चाहिए। साथ ही आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया को और सरल बनाना चाहिए।

- हामिद अली।

रेलवे द्वारा पुरुष वरिष्ठ नागरिकों की 40 प्रतिशत और महिला वरिष्ठ नागरिकों की 50 प्रतिशत रेल किराया रियायत पहले की तरह ही बहाल किया जाए।

- भुनेश्वर सिंह

पेंशनर और वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं का निदान के लिए जिला प्रशासन को मासिक या तिमाही बैठक आयोजित करना चाहिए। ताकि मामले का निष्पादन समय से हो सके।

- सत्यानारायण स्वामी

अधिकांश बुजुर्ग सरकारी योजनाओं और सुविधाओं से वंचित है। ऐसे में जिला प्रशासन को चाहिए कि प्रखंड और पंचायत स्तर पर विशेष कैंप का आयोजन करे। ताकि सभी को लाभ मिल सके।

- रामाणयण पाण्डेय एलौन।

पेंशनर को यात्रा को लेकर काफी परेशानियों को सामना करना पड़ता है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि रेलवे सहित सभी बसों में भी आरक्षित सीट सुनिश्चित करे। ताकि परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।

- हरिहर प्रसाद

प्रस्तुति- मंतोष कुमार पटेल

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