सीमेंट प्लांट की धूल से ग्रामीण परेशान, सांस लेने में हो रही तकलीफें
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रोहतास, हिन्दुस्तान टीम। बंजारी स्थित डालमिया सीमेंट फैक्ट्री से निकलने वाले धूल से आस-पास के ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ रहा है। हालत यह है कि लोगों को खुले वातावरण में सांस लेने में काफी तकलीफें हो रही है। कई ग्रामीण धूल से गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। वहीं किसानों की खेतों की पैदावार पर भी सीधा असर पड़ा है। बंजारी, समहुता, लेबुरा, बाजितपुर, बकनौरा, भरुही आदि गांवों के किसानों की मानें तो दिन प्रतिदिन खेतों की उपज में कमी आ रही है। इस वजह से किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसे लेकर कई बार स्थानीय सांसद और विधायक के साथ वरीय अधिकारियों तक गुहार लगायी गई। लेकिन प्रशासन चुप्पी साधे है। बताते चलें कि डीएसपी सीमेंट फैक्ट्री में ईंधन के रूप में कोयले का उपयोग किया जाता है। लेकिन कुछ वर्षों से बाहरी राज्यों से लाए गए हानिकारक कचरे को कोयले के साथ मिलकर ईंधन के रूप उपयोग किया जा रहा है। जिससे निकलने वाला हानिकारक धुआं लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल रही है। नाम नहीं छापने की शर्त पर फैक्ट्री में कार्यरत एक मजदूर ने बताया कि बाहरी राज्यों से आए कचरे को कोयले के साथ मिलाकर साइक्लोन में डालकर जलाया जाता है, जो काफी दुर्गंध देता है। इन कचरों में हॉस्पिटल से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट,प्लास्टिक व मानव अंग तक होते हैं। जो अति दुर्गंध देती है। ऐसे में काम करने के दौरान कई मजदूर उलटी तक कर देते हैं। समाजसेवी रिंकू सिंह ने कहा कि डालमिया सीमेंट फैक्ट्री द्वारा मनमाने तरीके से हानिकारक कचरे जलाये जा रहे हैं। जब ये कचरे जलते हैं तो काफी दुर्गंध देती है। तब लोगों को सांस लेने में भी तकलीफें होती है। कई बार ग्रामीण बेहोश होकर गिर भी जाते हैं। पिछले कुछ वर्षों में स्थानीय लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। कंपनी जानबूझकर रात के अंधेरे में ऐसी धूल (सीमेंट डस्ट ) छोड़ती है। जिसे लेकर वरीय अधिकारियों, स्थानीय सांसद व विधायक को पत्राचार भी किया गया है। लेकिन, अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वहीं किसान मुन्ना सिंह ने बताया कि उनके खेत की फसल के पैदावार में साल दर साल गिरावट आ रही है। आलम यह है कई किसानों की जमीन बंजर होने के कगार पर है। पैदवार बढ़ाने के लिए अधिक उर्वरक का उपयोग करना पड़ रहा है। डेहरी एसडीएम सूर्य प्रताप सिंह ने कहा कि वैसे कचरा जो पर्यावरण के खतरनाक हैं, जलाने पर सख्त पाबंदी है। अगर किसी के द्वारा हानिकारक कचरे को जलाया जाता है तो उसकी जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। डालमिया सीमेंट फैक्ट्री से हो रहे प्रदूषण की जांच की जाएगी। फोटो नंबर-13 कैप्शन- सीमेंट प्लांट की धूल से बदरंग हुए पेड़-पौधे।
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