संसार में आते ही वक्त पीछे लग जाता है : प्रेम
शांति शब्द नहीं बल्कि अनुभव करने की चीज है। एक ऐसा अनुभव जो हृदय से आता है। हर मनुष्य के अंदर शांति पूर्व से मौजूद है। जरूरत है उसे अनुभव करने की। ये बातें मानवता एवं शांति जागरूकता कार्यक्रम में देश...
शांति शब्द नहीं बल्कि अनुभव करने की चीज है। एक ऐसा अनुभव जो हृदय से आता है। हर मनुष्य के अंदर शांति पूर्व से मौजूद है। जरूरत है उसे अनुभव करने की। ये बातें मानवता एवं शांति जागरूकता कार्यक्रम में देश के प्रखर वक्ता प्रेम रावत ने कहीं। जननायक कर्पूरी स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम का आयोजन राज विद्या केंद्र के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला परिषद अध्यक्षा प्रेमलता, पूर्व विधायक अजय कुमार बुलगानीन, डॉ .अशरफ इमाम ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर एसडीओ मो शफीक के अलावे सभी अतिथियों को शॉल एवं पुस्तक देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बड़े पर्दे पर वहां मौजूद जनसमूह को मानवता व शांति विषय के र्चिचत प्रखर वक्ता प्रेम रावत का संदेश सुनाया गया। कार्यक्रम के संचालन में मुकेश कुमार मृदुल, देवेंद्र पासवान, विजय राय, उमाशंकर साह, आनंद किशोर सिंह, राज किशोर पासवान आदि सक्रिय थे। आयोजकों ने बताया कि सोमवार से लगातार तीन दिनों तक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के सभागार में ऑडियो - विजुअल के माध्यम से लोगों को संध्याकाल में प्रेम रावत जी की वाणी सुनाई जाएगी।
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