सुकर्म ही मानव जीवन का आधार: वैराग्यानंद
शाहपुर पटोरी में सात दिवसीय भागवत ज्ञान यज्ञ के दौरान स्वामी वैराग्य नंद जी महाराज ने कहा कि मानव की पहचान उसके सुकर्म से होती है। उन्होंने बताया कि भक्ति और अच्छे आचार-व्यवहार से ही ईश्वर तक पहुंचा...
शाहपुर पटोरी, निज संवाददाता। सुकर्म ही मानव की पहचान है। अगर हम अपने कर्मों से किसी को दुखी करते हैं तो हमारा मानव जन्म व्यर्थ है। हमें सद्कर्म, सत्यवाणी, लिप्सा रहित सेवा, सामर्थ्य के अनुरूप दूसरों की सहायता करनी चाहिए। भगवान श्रीराम को पुरुषोत्तम कहा जाता है क्योंकि उनके व्यवहार व विचार श्रेष्ठ थे। उनके जीवन पर आधारित धर्म ग्रंथ रामायण की चौपाई का अर्थ समझने वाले लोग भगवान श्रीराम की चरणों के दास बनने को आतुर हो जाते हैं। उक्त बातें बहादुरपुर पटोरी के मातृ प्रेरणा सत्संग संगठन द्वारा आयोजित सात दिवसीय भागवत ज्ञान यज्ञ के दौरान खलीलाबाद, यूपी से आए रामकथा वाचक संत स्वामी वैराग्य नंद जी महाराज ने सोमवार को कही। कथा वाचन के दूसरे दिन संध्या में प्रयागराज की भागवत कथा वाचिका अनुपमा रामायणी ने कहा कि भक्ति, ईश्वर तक पहुंचने का एक सरल और सफल मार्ग है, परंतु इसके लिए लोगों को अपने व्यवहार, विचार, आहार में बदलाव लाना होगा। शाकाहार, सुविचार और उत्तम संस्कार सफल जीवन का मूल मंत्र है। इसे अपनाए बगैर हमारा मानव जन्म सार्थक नहीं हो सकेगा।
इस सात दिवसीय महायज्ञ में मंच संचालन भोला भारतीय कर रहे हैं। अमरेश बिहारी की टीम प्रतिदिन कथा वाचन व यज्ञ के बीच अपनी टीम के साथ भक्ति गीतों की प्रस्तुति से पूरे माहौल को भक्तिमय बना रहे हैं। कार्यक्रम का संयोजन ग्रामीणों के सहयोग से रंजना मिश्रा कर रही है। यज्ञ में प्रमोद कुमार मिश्रा, विनोद कुमार मिश्रा, कौशल किशोर मिश्रा, शारदा पांडेय के अलावा बड़ी संख्या में आसपास के श्रोता- श्रद्धालु मौजूद थे। महायज्ञ के कारण बहादुरपुर पटोरी एवं आसपास के क्षेत्र का वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो गया है।
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