सड़कें बदहाल, नाला भी नहीं जलजमाव ने बढ़ायी मुसीबत
समस्तीपुर के जितवारपुर निजामत की ढाई सौ घरों वाली बस्ती में लगभग आठ हजार लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। तीन साल पहले नगर निगम में शामिल होने के बावजूद, यहां के लोग सड़क, पानी, और जलजमाव जैसी...
समस्तीपुर। शहर से सटे जितवारपुर निजामत ढाई सौ घरों वाली घनी आबादी की बस्ती है। नगर निगम में यह तीन साल से शामिल है। पहले पंचायत क्षेत्र में था। करीब आठ हजार की आबादी यहां सड़क, पानी, जलजमाव, नाला जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। ढाई दशक बाद भी उनकी समस्या जस की तस है। इसको लेकर लोगों में भारी आक्रोश है। लोगों की मांग है कि जिला प्रशासन उनकी समस्याओं के समाधान को सार्थक पहल करे। शहर से सटे जितवारपुर निजामत ढाई सौ घरों की एक घनी आबादी की बस्ती है। नगर निगम में यह तीन सालों से शामिल है। पहले पंचायत में था। करीब आठ हजार की आबादी यहां सड़क, बिजली, पानी, साफ-सफाई, जलजमाव जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। यहां के लोगों का दर्द है कि ढाई दशक से उनकी समस्या दूर नहीं हो रही है। अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को कई बार इस बारे में बताया लेकिन कोई पहल नहीं हुई। बस्ती के ओम राय, सुधीर महतो, रामचन्द्र राय बताते हैं कि कन्हैया चौक से रेलवे गुमटी की तरफ जाने वाली एक किमी सड़क के दोनों तरफ 200 घर बसे हुए हैं।
नाला नहीं होने की वजह से हर साल पांच-छह महीने सड़क बरसात के पानी में डूबी रहती है। लगातार पानी के जमाव से लोग बदहाल जीवन जीते हैं। कई लोग बीमार हो जाते हैं। स्कूली बच्चों को स्कूल जाने में काफी कष्ट झेलना पड़ता है। कई बच्चे बरसातभर स्कूल जाना छोड़ देते हैं। महिलाएं व बुजुर्ग घर से नहीं निकल पाते हैं। मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में बड़ा खतरा रहता है। शत्रुध्न महतो व रंजीत ठाकुर का कहना है कि ढाई दशक पहले सड़क तो बना दी गई थी लेकिन सड़क के किनारे नाला नहीं बनाया गया। इससे बरसात में सड़क पर जमा पानी की निकासी का साधन नहीं रहता है। घरों का पानी भी सड़क पर ही बहाने की विवशता है। बरसात में सड़क पानी में डूबी रहती है। हर जगह पानी लगा रहने के कारण आवागमन काफी कष्टदायक रहता है। सड़क पर गड्ढों के कारण सड़क की सही स्थिति का पता नहीं चलता, जिससे दुर्घटना होती रहती है। यह पानी बरसात के बाद धीरे धीरे धूप में सूखता है।
पानी निकासी की वैकल्पिक व्यवस्था भी नगर निगम ने बीते दो साल में नहीं की। इस बार फिर यही समस्या झेलनी पड़ेगी क्योंकि अभी तक नाला निर्माण की सुगबुगाहट भी नहीं है। देखते- देखते बरसात का समय आ जाएगा। बालेश्वर सदा, अनिल कुमार शर्मा की शिकायत है कि उनकी पीड़ा सुनने व देखने कोई नहीं यहां आता है। न प्रशासन से और न कोई जनपतिनिधि। पहले उनका यह इलाका पंचायत में था। लेकिन नगर निगम बनने के बाद से यह नगर निगम में शामिल हो गया है। नगर निगम बने हुए भी तीन साल से अधिक हो गए। नगर निगम बोर्ड के गठन के भी दो साल से अधिक होने को हैं, फिर भी इस बस्ती की समस्या पर नगर निगम का ध्यान नहीं गया है।
रोहित कुमार व पंकज कुमार ने बताया कि जनप्रतिधि अगल-बगल के समारोह या अन्य मौके पर जाते रहते हैं, जबकि उनकी बस्ती में समस्या झांकने भी नहीं आते हैं। यह तो उनके साथ नाइंसाफी है। उनकी सबसे बड़ी समस्या हर बरसात में भारी जल-जमाव व प्रकाश का अभाव है। सड़क भी जर्जर है। जगह-जगह कई गड्ढे हैं। इस पर अक्सर दुर्घटना होती रहती है। सड़क के किनारे बसे बसे लोगों ने कई जगह पर सड़क का अतिक्रमण कर रखा है। जिस वजह से सड़क पर अक्सर दुर्घटना आम बात है। घनी आबादी के बीच से सड़क निकलने के बाद भी इस व्यस्त सड़क पर कहीं भी ब्रेकर नहीं बनाया हुआ है, जिससे चौबीस घन्टे वाहन काफी तेज रफ्तार से निकलते रहते हैं। लोगों को घरों से निकल कर सड़क पर जाने में काफी भय समाया रहता है।
जनहित में इस सड़क के चौड़ीकरण के लिए लगातार उठाते रहा हूं। प्रस्ताव मैंने विधानसभा में दिया था। वर्तमान सरकार में काफी जद्दोजहद के बाद मेरे अथक प्रयास से यह प्रस्ताव पास हो गया। अब, इस सड़क का 12 से 20 फीट चौड़ीकरण होगा। 31 करोड़ की योजना है। 26 करोड़ का टेंडर हो गया है। इस सड़क में नाला नगर निगम बनाएगा। 20 फीट चौड़ी सड़क बन जाने से लोगों को कन्हैया चौक से जितवारपुर निजामत रेलवे क्रॉसिंग होते हुए बेझाडी होकर मुसरीघरारी तक जाने में काफी मदद मिलेगी। पटना जाना अब काफी आसान हो जाएगा। सभी भारी व अन्य वाहन समस्तीपुर बाजार पहुंचे बिना इसी सड़क से निकलेंगे। इससे पहले मेरे पहल से ही जितवारपुर में पुल भी बन रहा है।
-अख्तरूल इस्लाम शाहीन, विधायक, समस्तीपुर।
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