जर्जर आवास में पुलिस कर्मी रहने को मजबूर
सिंघिया | संवाद सूत्र जिस विभाग को समाज की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है
सिंघिया | संवाद सूत्र
जिस विभाग को समाज की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है उसी विभाग के कर्मी असुरक्षित हैं। थाना परिसर में वर्षों पहले बने आवास अब जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच चुके हैं। इसके बाद भी इनमें पुलिस कर्मियों निवास कर रहे हैं।
कई वर्षों पहले इन आवासों का निर्माण किया गया था लेकिन समय समय पर मरम्मत नहीं होने के कारण अब आवास जर्जर हो चुका है।पुलिस कर्मियों का मानना है कि समय-समय यदि इन आवासों की मरम्मत करायी गयी होती तो ये जर्जर नहीं होती। आवासों की स्थिति इतनी खास्ता हो चुकी है कि वह किस समय धराशायी हो जाए इसका ठिकाना नहीं। इसके बावजूद विभाग द्वारा पुलिस कर्मियों को इन जर्जर भवनों से निजात दिलाने की व्यवस्था नहीं हो रही है। ऐसे में इन आवासों में खासी दिक्कतें होती है। खासकर बरसात के मौसम में इन आवासों में रहने में हमेशा अनहोनी की आशंका बनी रहती है। लेकिन फिर भी उन्हें मजबूरन रहना पड़ रहा है। इनमें रह रहे पुलिस कर्मी दहशत के साए में जीवन गुजारते हैं। इन जर्जर आवास में रहने वाले एएसआई सुरेश चौधरी ने कहा कि हमलोगों कोई देखने वाला नहीं है। कभी भी भवन धराशायी हो सकता है।
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