मैदान के टूटे ट्रैक पर मॉर्निंग वॉक, पीने का पानी भी मुहाल
पटेल मैदान में मॉर्निंग वॉकर्स को पेयजल, शौचालय और यूरिनल जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। ट्रैक की स्थिति भी खराब है, जिससे गिरने का खतरा बना रहता है। सुरक्षा की कमी और अंधेरे...
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शहर का एकलौता पटेल मैदान मॉर्निंग वॉक करनेवालों से भरे रहते हैं, पर सुविधाओं को लेकर उन्हें निराश होना पड़ता है। मॉर्निंग वॉकर्स को यहां पेयजल और शौचालय की समस्या का हर दिन सामना करना पड़ता है। यूरिनल की भी व्यवस्था न होने से सुबह घूमने आने वालों को बड़ी परेशानी होती है। मॉर्निंग वॉक के लिए आने वाले लोगों का कहना है कि स्थानीय निकाय को मूलभूत सुविधाओं की ओर ध्यान देना चाहिए। दुखद स्थिति यह है कि पार्क में ट्रैक भी दुरुस्त नहीं है। उस पर पैदल चलने में परेशानी होती है। साथ ही शौचालय न होने के कारण कई बार जल्दी घर लौटना पड़ता है। यहां पेयजल की भी व्यवस्था नहीं है। यह हमारी मूलभूत आवश्यकता है। यह सच है कि सर्दी में इसकी जरूरत कम पड़ती है, पर अब मौसम बदल रहा है। गर्मी में घर से ही पानी लाना होता है। स्ट्रीट लाइट दुरुस्त नहीं होने से लोग दुर्घटनाओं के शिकार भी होते रहतेे हैं।
मैदान के आसपास सुरक्षा व्यवस्था ठीक होनी चाहिए। अंधेरे का लाभ उठाकर कई बार मॉर्निंग वॉक के लिए आने वाली महिलाएं छिनतई की शिकार हो जाती हैं। यह सबसे ज्यादा परेशानी की बात है। बुजुर्गों के साथ भी कई वारदात हो चुके हैं। पटेल मैदान और आसपास के इलाके में रोशनी की व्यवस्था भी जरूरी है। बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो पार्क में जाने के बजाय बाहर ही रनिंग या वॉकिंग करते हैं। सड़क के किनारे टहलने के कारण हर वक्त दुर्घटना का खतरा बना रहता है। कुछ ऐसी घटनाएं भी हो चुकी हैं, इसके बावजूद लोग लंबी रनिंग के चक्कर में सड़क के किनारे ही टहलते हैं या फिर दौड़ लगाते हैं। हिंदुस्तान की टीम पटेल मैदान पहुंची तो मॉर्निंग वाकरों ने बताया कि मैदान में ओपन जिम की भी व्यवस्था नहीं है। ट्रैक जहां-तहां उखड़ गया है। इसमें लोगों का पैर फंस जाने से गिरने का भी डर बना रहता है। इसे ठीक रखना बहुत जरूरी है।
यहां शौचालय व यूरिनल क्या सुरक्षा के लिए एक गार्ड भी नहीं रहता है। बाहर से कई बाइक व साइकिल चोरी की घटना भी सामने आ चुकी है। इस मामले में जिला प्रशासन व नगर निगम को सख्त होने की जरूरत है। मॉर्निंग वाकरों ने कहा कि करोड़ों रुपये खर्च कर कुछ वर्ष पहले मैदान को आकर्षक बनाया गया था। लेकिन रखरखाव ठीक से नहीं के कारण स्थिति खराब हो गया है। हाई-मास्ट लाइट भी एक-एक कर खराब हो गयी है। दो-तीन हाई-मास्ट लाइट को छोड़ कर अन्य लाइटें बंद रहती हंै। शाम होते ही असमाजिक तत्वों का जमावड़ा भी मैदान में हो जाता है। मैदान में कपड़ा टांगने की भी कोई व्यवस्था नहीं है। मॉर्निंग वॉकर्स का कहना है कि जहां लोग बैठकर एक्सरसाइज करते हैं, उस जगह पर शेड बनना चाहिये। शेड होने से धूप और बारिश के दिनों में मॉर्निंग वॉकर्स बैठकर एक्सरसाइज व योग कर सकते हैं। इसके अलावे यहां शौचालय व यूरिनल की व्यवस्था भी नहीं है। इस कारण महिलाएं क्या पुरुषों को भी काफी परेशानी होती है।
-बोले जिम्मेदार-
पटेल मैदान में सौंदर्यीकरण को लेकर प्लान तैयार किया जा रहा है। सुबह में मैदान में आने वाले को कोई परेशानी ना हो इसको लेकर जल्द ही वहां बेहतर व्यवस्था की जाएगी। मैदान में लाइटिंग की पूरी व्यवस्था है। अन्य जो भी समस्याएं है उसके निदान को लेकर संबंधित पदाधिकारी से भी बात की जाएगा। सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशाासन को दिशा-निर्देश दिए जाएंगे।
-दिलीप कुमार, एसडीओ
शिकायत
1. पटेल मैदान में नगर निगम द्वारा झाड़ू तो लगता है लेकिन समय से झाड़ू नहीं लगने के कारण चारों कोने में गंदगी का आलम दिखता है।
2. पटेल मैदान में मॉर्निंग वाकर के लिए पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए।
3. शौचालय व यूरिनल की व्यवस्था नहीं है जिससे महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
4. मैदान में मुख्य द्वार पर नियमित जांच नहीं होती है, जिसके कारण अराजकतत्व हमेशा आते रहतेे हैं और वारदात को अंजाम देते हैं।
5. ओपन जिम की व्यवस्था नहीं है। ओपन जिम नहीं होने के वजह से लोग केवल टहल कर जाने को विवश होते हैं। निगम प्रशासन को इसकी व्यवस्था करनी चाहिए।
सुझाव
1. पटेल मैदान में हर रोज अहले सुबह वॉकिंग के बाद और देर शाम लोगों के निकल जाने के बाद झाड़ू लगे।
2. ट्रैक पर बुजुर्ग व मॉर्निंग वॉकर्स के लिए 50 मीटर पर बैठने के लिए बेंच की सुविधा होनी चाहिए।
3. ग्राउंड में एक्सरसाइज में एनर्जी लाने के लिए स्पीकर होना चाहिए, जिसमें म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट वाली म्यूजिक बजती रहे। अन्य शहरों के पार्क में स्पीकर लगी होती है।
4. शौचालय व यूरिनल की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि सुबह में आने पर परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
5. पेयजल के लिये पटेल मैदान में व्यवस्था होनी चाहिए। मॉर्निंग वाकर को पानी की बोतल लेकर आना पड़ता है? अब गर्मी आनेवाली है।
प्रस्तुति : अविनाश कुमार/विजय सिन्हा
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