जांच कमेटी ने डीएम को सौंपी सीलबंद जांच रिपोर्ट
समस्तीपुर के विभूतिपुर में बीपीएसी से शिक्षक की बहाली में अनियमितता पाई गई है। जांच कमेटी ने रिपोर्ट में शिक्षा विभाग की संदिग्ध भूमिका का जिक्र किया है और राज्यस्तरीय जांच की अनुशंसा की है। 20...
समस्तीपुर, वरीय संवाददाता। जिले के विभूतिपुर में बीपीएसी से शिक्षक की बहाली में अनियमितता पायी गयी है। जिला प्रशासन की जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है। इसमें बहाली में हुई अनियमितता में शिक्षा विभाग की भूमिका को भी संदिग्ध बताने के साथ राज्यस्तरीय कमेटी से जांच कराने की अनुशंसा की गयी है। ताकि मामले की व्यापक स्तर पर जांच हो सके। गौरतलब है कि विभूतिपुर प्रखंड में कई स्कूल में उन लोगों ने भी शिक्षक के पद पर योगदान दिया था जिन्होंने बीपीएसी की शिक्षक बहाली की परीक्षा पास नहीं की थी। इन लोगों का प्राण नंबर जेनरेंट कर वेतन का भी भुगतान किया जा रहा था। जबकि कई लोगों का थंब जांच भी नहींं कराया गया था। इसकी खबर लगातार प्रकाशित होने के बाद तत्कालीन डीएम योगेन्द्र सिंह ने अपर समाहर्ता आपदा राजेश कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था। इसमें अलग अलग विशेषज्ञ को शामिल किया गया था। जिसके बाद शिक्षा विभाग में हडकंप मच गया था। बाद शिक्षा महकमे में हड़कंप मच गया था। लगभग दो महीने तक जांच ाके बाद अपर समाहर्ता ने शिक्षक बहाली में हुए फर्जीवाड़े के संबंध में जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है। सील बंद लिफाफे में सौंपी गई रिपोर्ट डीएम ने शिक्षा विभाग को भेज दी है। डीएम रोशन कुशवहा ने शिक्षा विभाग को आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजे जाने की पुष्टि की है। हालांकि उन्होंने गोपनीय विषय बता अलग से कोई जानकारी देने से परहेज किया। लेकिन सूत्रों की माने तो इस रिपोर्ट में शिक्षक बहाली में हुई अनियमितता की पुष्टि करने के साथ शिक्षा विभाग पर भी सवाल उठाये गये हैं। विदित हो कि अखबारों में 23 लोगों की बहाली को लेकर लगातार सवाल उठाया गया था। जांच में उसमें से 20 लोगों की फर्जी तरीके से बहाली होने की जांच में पुष्टि की गयी है। जांच कमेटी ने अपपनी रिपोर्ट में यह भी कहा हे कि व्यापक स्तर पर मामले की जांच करने पर फर्जी तरीके से बहाली के और भी मामले सामने आ सकते हैं। जांच कमिटी ने रिपोर्ट में यह भी कहा है कि जांच में शिक्षा विभाग की ओर से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला। समय पर कागजात उपलब्ध कराने के बजाय टरलमटोल वाला रवैया अपनाया गया। जांच कमेटी ने बगैर जांच पूरी किये फर्जी तरीके से बहाल किये गये शिक्षकों का प्राण नंबर जेनरेट कर वेतन भुगतान करने पर भी सवाल उठाया है। यह भी कहा है कि सैकड़ों ऐसे शिक्षक हैं जिनका शिक्षा विभाग ने अब तक बायोमेट्रिक जांच तक नहीं कियश है। फर्जी शिक्षकों के प्राण नंबर शिक्षा विभाग से निर्गत किया जा चुका है जिस कारण शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर भी शक की सुई जा रही है। वहीं इस मामले में संदिग्ध भूमिका में पाये गये विभूतिपुर के बीईओ कृष्णदेव महतो पर प्रपत्र क गठित करने के बाद भी अबतक विभागीय स्तर पर कार्रवाई लंबित है। शिक्षा विभाग ने बीईओ से कोई भी अभिलेख जब्त नहीं किया। जिस कारण जांच टीम को प्रभावित करने का भी भरसक प्रयास किया गया। जाचं टीम ने बीईओ के खिलाफ तीन पेज में अलग से अपना मंतव्य दिया है।
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