दूरदर्शन पर कितने पढ़ रहे छात्र, प्रखंड से नहीं आयी रिपोर्ट
दूरदर्शन पर स्कूली बच्चों को पढ़ाने की शिक्षा विभाग की प्रशासनिक तैयारी का क्रियान्वयन सोमवार को पहले दिन कितना हुआ, इससे जिला अनभिज्ञ बना रहा। जबकि पहले दिन की सभी प्रखंडों से क्रियान्वयन की रिपोर्ट...
दूरदर्शन पर स्कूली बच्चों को पढ़ाने की शिक्षा विभाग की प्रशासनिक तैयारी का क्रियान्वयन सोमवार को पहले दिन कितना हुआ, इससे जिला अनभिज्ञ बना रहा। जबकि पहले दिन की सभी प्रखंडों से क्रियान्वयन की रिपोर्ट आनी थी। किसी प्रखंड से रिपोर्ट नहीं आयी।
जिला का जिला उन्नयन योजना कोषांग रिपोर्ट का दिन हर इंतजार करता रहा गया। ऐसे में जिला के शिक्षा अधिकारी को भी यह पता नही लगा कि कितने माध्यमिक स्कूलों के कितने बच्चों ने दूरदर्शन से पहले दिन अपने पाठ्यक्रम की पढ़ाई की। एपीओ रमन पासवान ने बताया कि पहले दिन की रिपोर्ट जिला को शाम तक नहीं आयी। बता दें कि जिलेभर में कुल 226 स्कूलों के डेढ़ लाख से अधिक नौंवी और दसवीं कक्षा के वि्द्यियथयों की पढ़ाई की रिपोर्ट आनी थी। इन बच्चों को डीडी बिहार के चैनल पर सोमवार से अपनी पढ़ाई शुरू करनी थी।
विभाग का मकसद लॉकडाउन में नए सत्र में प्रमोट होकर आए स्कूली बच्चों की पढ़ाई जारी रखना है। लेकिन पहले दिन की ही निराशाजनक संकेत से इस मकसद की कामयाबी पर संशय की स्थिति आने लगी है। पहले दिन की स्थिति का हाल जानने के लिए जब कुछ बच्चों से जानकारी ली तो उनका कहना था कि उन्हें स्कूल से इस बारे में कोई सूचना पहले नहीं आयी। उन्हें अखबार से ही जानकारी मिली कि आज से मेरा विद्यालय मेरा दूरदर्शन आज से शुरू होनेवाला है। पहले दिन बिजली की आंखमिचौली के कारण वे लोग इससे अलग ही रहे। उधर कुछ स्कूलों से भी जब इसके बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि जिले के सभी माध्यमिक स्कूलो के शिक्षक लगातार हड़ताल पर हैं। अधिकांश माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में वहां के एचएम नियोजित शिक्षक ही हैं। ऊपर से स्कूल भी बंद हैं। सभी बच्चों का मोबाइल न या वाट्सअप न एचएम के पास नही है। ऐसे में विभाग को दूरदर्शन से पढ़ाई कराने की योजना नहीं बनाना चाहिए था। बनाना ही था तो पहले उनकी हड़ताल खत्म कराना चाहिए था।
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