बैंक में चेहरा खोलकर पहुंचे सभी बदमाश
समस्तीपुर में अपराधियों ने बैंक लूटने के लिए महीनों तक रेकी की। वे जानते थे कि बैंक और आसपास के क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, फिर भी वे चेहरे ढककर लूटने पहुंचे। लुटेरों ने आसानी से लूट को अंजाम...

समस्तीपुर। बैंक लूटने पहुंचे अपराधियों के द्वारा महीनों से इसकी रेकी की जा रही थी। उन्हें पता था की नीचे साइबर कैफे है, जिसमें कैमरा है, बैंक के सामने भवन में भी कैमरा था। अमूमन काशीपुर के अधिकतर जगहों पर सीसीटीवी कैमरा लगा है। बदमाशों को इसकी भनक पहले से थी बावजूद इसके वह लोग लूटने के लिये चेहरा खोलकर पहुंच पुलिस को पकड़ने की खुली चुनौती दी है। अपराधियों को यह भी लगा होगा की काशीपुर काफी सघन इलाका है। एक साथ नकाबपोश के निकलने पर लोगों को शक हो जाता और वह लोग आम लोगों के हत्थे चढ़ सकते थे।
सभी लुटेरों ने इतनी आसानी से आम दिन के तरह उपर गये और लूटपाट कर निकल गये की नीचे स्थित साइबर कैफे में मौजूद लोगों को इसकी भनक तक नहीं लग सकी। सोना को कहीं जमीन के नीचे छुपा देने की आशंका पुलिस को अब इस बात की आशंका है कि लुटेरों ने लूटा गया सोना कहीं जमीन के नीचे छीपा दिया है। यह अनुमान कुछ अहम सुरागों और संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर लगाया गया है। आशंका है कि पेशेवर गिरोह द्वारा चेन बनाकर इस लूटकांड की घटना को अंजाम दिया गया है। इस लूटकांड में लोकल लाइनर से लेकर लूटने वाले बदमाश व उसके सरगना तक का अलग-अलग हिस्सा बंधा हुआ होता है। गिरोह का सरगना इतना शातिर होता है कि घटना के बाद भागने एवं सोना छिपाने के लिए समय निकालने को ऐसे साक्ष्य छोड़वाता है, जिससे पुलिस गुमराह हो सके। उन साक्ष्यों के जरिए जब तक पुलिस लुटेरों का सुराग ढूंढने में लगी रहती है, तब तक सोना को ठिकाने लगा दिया जाता है।
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