शव चकभारो पहुंचते ही परिवार में मचा कोहराम, एक ही दिन दो मौत से ग्रामीण के भी आंख से निकले
सिमरी बख्तियारपुर। एक प्रतिनिधि बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के चकभारो गांव के रहने वाले रिश्ते
सिमरी बख्तियारपुर। एक प्रतिनिधि बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के चकभारो गांव के रहने वाले रिश्ते के चाचा-भतीजा की रविवार को सड़क हादसे में हुई मौत के बाद सोमवार को चकभारो गांव में दाह संस्कार कर दिया। एक ही टोले से निकली दो अर्थी से पूरा गांव गणमीन हो गया। इस हादसे में गई दो जिंदगियां से छोटे छोटे बच्चे का साया उठ गया। एक साथ उठी दो अर्थियां से पूरा गांव में मातमी सन्नाटा छा गया है। मृतक व्यक्ति थाना क्षेत्र के चकभारो गांव निवासी अभय सिंह (67) और फुलेंद्र सिंह (45) थे। घटना के संबंध में परिजन ने बताया कि दोनों चाचा-भतीजा रविवार दोपहर अपने घर से बाइक पर सवार हो कर दोस्त के पिता की तबियत बिगड़ने की सूचना पर मधेपुरा मेडिकल कालेज अस्पताल मिलने जाने की बात कह कर घर से निकले थे। इसी दौरान जैसे ही वो मधेपुरा-सहरसा एनएच 107 सड़क मार्ग के मिठाई रेलवे ढाला के समीप पहुंचे की तेज रफ्तार से सीमेंट लदा अनियंत्रित ट्रक ने उसे पीछे से जोड़दार टक्कर मार दिया। जिससे दोनों बाइक सवार चाचा-भतीजा की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। हालांकि की घटना की सूचना पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने उसे आसपास के ग्रामीणों के सहयोग से अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। इस दौरान ट्रक भी पलट गया एवं चालक मौके का फायदा उठाकर घटनास्थल से भागने में सफल रहा। जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने ट्रक और बाइक को जब्त करते हुए अग्रतर कार्रवाई में जुट गई। इधर पोस्टमार्टम उपरांत मृतक के शव को रविवार देर शाम घर लाया गया। शव घर पहुंचते आसपास के ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। गांव में एक साथ हुए दो लोगों की मौत से हर किसी की आंखे नम हो गई।
फुलेंद्र सिंह को है तीन छोटे छोटे बच्चे:
इस घटना में जहां पूरे चकभारो गांव में शोक है, वही फुलेंद्र सिंह के छोटे छोटे बच्चे का साया उठ गया है। फुलेंद्र सिंह की पत्नी पति के शव के पास बैठकर दहाड़ मारकर रो रही थी। बार बार बेहोश हो जाती थी। फुलेंद्र सिंह को दो पुत्र एवं एक पुत्री है। बड़ी पुत्री सोनम कुमारी इस बार मैट्रिक की परीक्षा देगी। उनके बाद दो पुत्र सम्राट कुमार 12 साल, सन्नी कुमार 10 साल है। फुलेंद्र सिंह घर का कमाने वाला इकलौता था। अब इनके ऊपर बड़ा संकट आ गया है। इन बच्चे का पालन पोषण कैसे होगा। अभय सिंह को एक पुत्र व एक पुत्री है।
परिजन बोले अगर अपनी ही बाइक से जाता तो ये दिन ना देखना पड़ता:
फुलेंद्र सिंह अपने चाचा अभय सिंह को लेकर घर से अपनी बाइक से निकला था। तारियामा गांव जाकर अपने एक दोस्त के यहां अपनी बाइक खड़ी कर दोस्त के बुलेट गाड़ी से मधेपुरा के लिए निकला। परिजन एवं ग्रामीण कहते है कि चूंकि फुलेंद्र सब दिन बाइक चलाया तो उसे बाइक से ही जाना चाहिए, बुलेट के कारण ही इस तरह की घटना घटी है।
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